विभागाध्यक्ष पद को लेकर फिर विवाद
By Edited By: Updated: Tue, 15 Jul 2014 11:29 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में विभागाध्यक्ष पद को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया है। जियोलॉजी डिपार्टमेंट के वरिष्ठ शिक्षक ने कुलपति पर नियमों का उल्लंघन कर विभागाध्यक्ष का पद उनसे छह साल कम अनुभवी शिक्षक को देने का विरोध किया है।
जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफे सर जेपी श्रीवास्तव का कहना है कि विभाग में नियुक्ति से लेकर कई तरह की वित्तीय अनियमितताएं हैं, इस वजह से डीयू प्रशासन नहीं चाहता है कि मैं विभागाध्यक्ष बनूं। कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने मुझसे कनिष्ठ प्रोफेसर देवेश कुमार सिन्हा को विभागाध्यक्ष बनाया है। इससे पहले भी सीएस दूबे को विभागाध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ उन्हें कई और समितियों में वरिष्ठ पदों पर रखा गया था। दूबे अब भी कई पदों पर हैं, गत 2 जून को उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी आगे बढ़ा दिया गया। प्रो. जेपी श्रीवास्तव ने कुलपति पर क्षेत्रवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुलपति ने अधिकांश पदों पर अपने क्षेत्र के लोगों और करीबी लोगों को रखा है। ऐसा लगता है कि विभागाध्यक्ष पद के लिए भी उन्होंने इसी आधार पर चयन किया है। उधर, डूटा अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण ने भी डीयू प्रशासन के इस आदेश को अनैतिक बताया।
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