डूटा ने एससी-एसटी कमीशन प्रमुख पर उठाए सवाल
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने एक बार फिर स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने एक बार फिर स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) और एससी-एसटी कमीशन के ऊपर सवाल उठाए हैं। डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि एसओएल के चेयरमैन लगातार शिक्षकों के अधिकार कम करते जा रहे हैं। जो काम एसओएल के शिक्षक सुचारू ढंग से अंजाम देते थे, वे काम अब कॉलेज के प्रिंसिपलों से अधिक कीमत देकर कराए जा रहे हैं। एसओएल में कई वित्तीय अनियमितताएं हैं जिसे डूटा ने अपने श्वेत पत्र में उजागर किया है।
उधर एसओएल के चेयरमैन प्रो. सीएस दुबे का कहना है कि हम गवर्निग बाडी के निर्णय पर ही अमल कर रहे हैं। हम इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की तर्ज पर काम कर रहे हैं और इग्नू की तरह पैसा भी दिया जा रहा है। ऐसे में यह आरोप बेबुनियाद है। एसओएल के आरोप लगाने वाले शिक्षक रविवार की कक्षाओं के भी पैसे लेते हैं। हम इनको आब्जर्वर बनाने की बात करते हैं तो वह इसके लिए मना कर देते हैं।
डूटा अध्यक्ष ने देशबंधु कॉलेज में शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया और कहा कि डीयू द्वारा कॉलेजों में जो नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई है वह नियमों के तहत नहीं है। इसलिए एससी-एसटी कमीशन को तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर डूटा पदाधिकारियों और शिक्षकों ने एससी-एसटी कमीशन के बाहर प्रदर्शन भी किया।
डूटा अध्यक्ष ने बताया कि 15 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को एससी-एसटी कमीशन प्रमुख पीएल पुनिया से मिलने गया था। वहां उन्होंने सदस्यों के समक्ष रिपोर्ट पढ़कर सुनाई जो डीयू में हो रही नियुक्तियों के खिलाफ है, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट की कापी देने से मना कर दिया। यही नहीं उन्होंनें किसी तरह की कार्रवाई करने का भी आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने बस इतना कहा है कि डीयू कुलपति को 17 नवंबर को बुलाया है। नंदिना ने कहा कि डूटा का विरोध एससी-एसटी कमीशन के प्रमुख से है। वह मामले की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं।