पूर्व कुलपति को तीसहजारी कोर्ट ने भेजा जेल, हाई कोर्ट से रिहा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शोध कार्य से साहित्यिक चोरी के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुल
By Edited By: Updated: Wed, 26 Nov 2014 10:12 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : शोध कार्य से साहित्यिक चोरी के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दीपक पेंटल को सोमवार सुबह तीसहजारी कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी विनोद कुमार गौतम के आदेश पर पुलिस ने गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया। पेंटल की ओर से आनन-फानन में हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की खंडपीठ ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि वह पेंटल को रिहा कर दें। इसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। खंडपीठ ने पेंटल की याचिका पर उनके खिलाफ शिकायत दायर करने वाले डीयू के प्रोफेसर पी प्रधा सराधी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले की सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
दीपक पेंटल के खिलाफ प्रोफेसर सराधी ने तीसहजारी कोर्ट में याचिका दायर कर उन पर धोखाधड़ी, चोरी एवं जालसाजी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बॉयोटेक्नोलॉजी विषय पर शोध कर रहे छात्र केबी प्रसाद का मार्गदर्शन कर रहे थे। उन्होंने छात्र के साथ किए गए अपने शोध को प्रकाशित कराया था, लेकिन कुछ कार्य बाकी था। कार्य पूरा होने से पूर्व ही उनका तबादला दूसरी जगह पर हो गया। इसके बाद छात्र ने प्रोफेसर दीपक पेंटल को मार्गदर्शक बना लिया। पेंटल ने उनके शोध की साहित्यिक चोरी कर उसे छात्र के साथ अपने नाम से दोबारा से प्रकाशित करा लिया। इसलिए छात्र व दीपक पेंटल के खिलाफ अपराधिक मुकदमा चलाया जाए। उक्त मामले में सुबह 12 बजे पेंटल अदालत के समक्ष पेश हुए। उन्होंने जमानत अर्जी दायर की, लेकिन अदालत ने सुनवाई से इन्कार कर दिया और 12 बजकर 45 मिनट पर पुलिस को आदेश दिया कि वह पेंटल को गिरफ्तार करे। अदालत ने पेंटल को तिहाड़ भेजने का आदेश दिया। पेंटल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने निचली अदालत के उक्त निर्णय के खिलाफ हाई कोर्ट में दोपहर दो बजे याचिका दायर की। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर की खंडपीठ के समक्ष उन्होंने कहा कि मामला कॉपीराइट एक्ट का है। अभी दूसरे आरोपी तक समन ही नहीं पहुंचाया गया है। यह केस नोटिस फ्रेम के स्तर पर भी नहीं भेजा गया है। निचली अदालत ने पेंटल को जेल भेज कर गलत निणर्य दिया है, जबकि उनकी जमानत अर्जी लंबित है। खंडपीठ ने अधिवक्ता की दलीलों को स्वीकार करते हुए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश जारी किया कि वह पेंटल को रिहा कर दे। हाई कोर्ट ने आदेश की प्रति फैक्स व ई-मेल के माध्यम से जेल अधीक्षक तक भिजवाने के लिए आदेश जारी किए।
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