डीयू प्रशासन की लापरवाही पुराने प्रश्नपत्र पर ली परीक्षा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एक बार फिर परीक्षा संबंधि लापरवाही का
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एक बार फिर परीक्षा संबंधि लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। जो प्रश्नपत्र मई में स्कूल ऑफ ओपन लर्निग (एसओएल) की परीक्षा में छात्रों से पूछे जा चुके हैं, वहीं प्रश्नपत्र बीए ऑनर्स के वित्तीय प्रबंधन (फाइनेंशियल मैनेजमेंट) के पांचवे सेमेस्टर के प्रश्नपत्र में पूछ लिए गए हैं। दिलचस्प यह है कि मई में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।
दिल्ली के कई कॉलेजों में आयोजित की गई परीक्षा के बाद जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, डीयू प्रशासन सकते में आ गया। अब वरिष्ठ अधिकारी एक-दूसरे पर मामला थोपने में लगे हैं।
डीयू से संबद्ध दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के कॉमर्स के प्राध्यापक हेमचंद्र जैन ने इसे कॉमर्स विभाग की घोर लापरवाही का नतीजा बताया है। उन्होंने कहा कि करीब 10 हजार छात्र इस परीक्षा में बैठे हैं और उनको पहले से ही प्रश्नपत्र की जानकारी थी। डीयू में कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष ने इस प्रश्नपत्र को बनाने के लिए जिनका चयन किया, वह शिक्षक भी संदेह के घेरे में हैं। स्वयं विभाग पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। ऐसा संभव नहीं है कि प्रश्नपत्र की जानकारी विभागाध्यक्ष को न हो। वहीं, डीयू में कॉमर्स विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जेपी शर्मा का कहना है कि इसमें विभाग की कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं है, क्योंकि तीन शिक्षक मिलकर प्रश्नपत्र तैयार करते हैं और सीलबंद लिफाफे में विश्वविद्यालय को भेजते हैं। ऐसे में विभाग को भी यह पता नहीं होता है कि उन्होंने कौन सा प्रश्नपत्र तैयार किया है।