परीक्षा की प्रणाली में बदलाव के संकेत
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लगातार परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लगातार परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्रों की गड़बड़ियों को देखते हुए विश्वविद्यालय ने सात सदस्यीय समिति बनाई है। यह समिति परीक्षा के प्रारूप में बदलाव और प्रश्नपत्रों को बनाने में कॉलेजों की भूमिका संबंधी निर्णय लेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम शुरू करने की कवायद की है। इसके साथ परीक्षा के तौर तरीकों में बदलाव और उस क्रेडिट सिस्टम को जोड़ने की दिशा में भी पहल की जानी है।
यूजीसी के 14 नंवबर में लिखे पत्र के आधार पर डीयू ने इन सभी पहलुओं पर ध्यान देने के लिए एक सात सदस्यीय समिति गठित की है, जो इस संबंध में सुझाव देगी। हालांकि , अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बैठक होगी, जिसमें सभी सदस्य अपनी राय देंगे।
समिति के एक सदस्य ने बताया कि हमारे यहां कई मेधावी छात्र हैं, जो अपने क्षेत्र में बेहतर करते हैं, लेकिन पढ़ाई में उनके अंकों को नहीं जोड़ा जाता है, जबकि वह भी उनकी प्रतिभा का एक हिस्सा है। इसलिए यह तय किया गया कि जैसे किसी विषय में परीक्षा उत्तीर्ण करने पर अंक मिलते हैं, उसी तरह इसमें भी अंक दिए जाएंगे। सदस्य के मुताबिक, जल्द ही इसकी एक रूपरेखा विश्वविद्यालय के समक्ष रखी जाएगी, जिससे इस दिशा में आगे कार्य किया जा सके।
वहीं एक अन्य सदस्य ने बताया कि जिस तरह से विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी सामने आई है, इसके तहत विगत परीक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है, क्योंकि पुराने ढर्रे से परीक्षा कराने में छात्रों का नुकसान हो रहा है।