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डीयू कुलपति के भविष्य को लेकर अटकलें तेज

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह के कार्यकाल को लेकर

By Edited By: Updated: Tue, 31 Mar 2015 10:29 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह के कार्यकाल को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के नोटिस का जवाब डीयू प्रशासन ने अभी तक नहीं भेजा है। मंत्रालय ने कुलपति को 17 मार्च को चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम और अन्य विषयों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जवाब देने की समयसीमा 31 मार्च थी।

डीयू के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारतीय जनता पार्टी और वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र संगठन इस मुद्दे पर एकराय हैं। पिछले दो साल से छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) कुलपति को हटाने की मांग कर रहे हैं। विरोध के कारण पुलिस की लाठियां भी खा चुके हैं।

वामपंथी शिक्षक संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट और भाजपा समर्थित नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने भी पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। डूटा के बैनर तले कुलपति के विरोध में जनसुनवाई से प्रतीत होता है कि उसे सरकार से बड़े निर्णय की उम्मीद है। हालांकि डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कुलपति को हटाने की मांग पुरानी है, कुलपति अपना काम कर रहे हैं और विरोध करने वाले अपना।

एक शिक्षक का कहना है कि कुलपति की नीतियां छात्र और शिक्षक विरोधी हैं, यह बात चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की वापसी से तय हो गई है। कुलपति ने अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की वापसी से आहत होकर इस्तीफे की घोषणा की थी। यदि सरकार उनके निर्णयों के लिए कारण बताओ नोटिस देती है तो यह सही है। उन्हें छात्रों के भविष्य से खेलने का हक नहीं है। डीयू प्रशासन ने नियमों को ताक पर रखकर ऐसे कई निर्णय लिए हैं, इसलिए सरकार उन्हें हटाने को लेकर गंभीर है। डूटा महीने में लगभग तीन दिन कुलपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण का कहना है कि कुछ वर्षो में डीयू की छवि पर खराब असर पड़ा है। इसमें कुलपति की बड़ी भूमिका है, इसलिए हम उनकी बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।

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