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सेंट स्टीफंस के छात्र के निलंबन फैसले पर रोक

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू द्वारा ऑनलाइन वीकली पेपर

By Edited By: Updated: Fri, 17 Apr 2015 07:29 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू द्वारा ऑनलाइन वीकली पेपर के संपादक देवांश मेहता को निलंबित करने के फैसले पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति विभू बाखरू की खंडपीठ ने शनिवार को कॉलेज में होने वाले कार्यक्रम पर रोक नहीं लगाई है,

अदालत ने इस कार्यक्रम में छात्र देवांश मेहता को दिए जाने वाले राय साहेब बनारसी दास मेमोरियल अवार्ड को मामले की अगली तारीख 21 मई तक किसी अन्य को न देने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ ने विगत 15 अप्रैल को देवांश को दोषी करार देने वाली प्रो.संजय राव की एक सदस्यीय समिति पर भी रोक लगा दी है।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू), सेंट स्टीफंस कॉलेज प्रिंसिपल वाल्सन थंपू, प्रो.संजय राव को मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। खंडपीठ ने डीयू को फटकार लगाते हुए उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने कहा था कि छात्र कुछ हद तक दोषी है क्योंकि उसने खुद पर लगे आरोपों से इन्कार नहीं किया है। खंडपीठ ने डीयू से कहा उसे मामले में निष्पक्ष रवैया अपनाना चाहिए। अदालत ने कहा कि क्या किसी को केवल इसलिए निलंबित किया जा सकता है कि उसने मीडिया में बयान दिए हैं।

देवांश के वकील सुनील मैथ्यू ने अदालत में दलील दी कि उसे कोलंबिया में स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में दाखिल मिल गया है। उस पर की गई निलंबन की कार्रवाई से उसके दाखिले में परेशानी हो सकती है। कॉलेज ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित किया है, जो गलत है।

गौरतलब है कि देवाश ने शुक्रवार को अदालत में याचिका दायर कर निलंबन के फैसले को रद करने व भविष्य में प्रिंसिपल द्वारा उनके खिलाफ इस मामले में फैसला लेने पर रोक लगाने का आग्रह किया था।

क्या है मामला

याचिकाकर्ता देवांश मेहता का कहना है कि उन्होंने वेबसाइट पर अपना विचार रखने के लिए स्टीफंस वीकली ऑनलाइन शुरू किया था। इसके पहले अंक के लिए 4 मार्च को प्रधानाचार्य का साक्षात्कार लिया था। 7 मार्च की सुबह छात्र ने साक्षात्कार उनको देखने के लिए भेजा गया और रात 10 बजे इसे ऑनलाइन कर दिया। याची के अनुसार उन्हें लगा कि प्रधानाचार्य ने यह इंटरव्यू देख लिया होगा, लेकिन प्रिसिंपल का आरोप था कि बिना उनकी अनुमति के उनका इंटरव्यू प्रकाशित किया गया है। इसके लिए छात्र को माफी मांगनी चाहिए और जुलाई तक वीकली पर रोक लगा दी। इसके बाद मामले की जांच के लिए बैठाई एक सदस्यीय समिति ने देवांश को 23 अप्रैल तक निलंबित कर दिया। ज्ञात रहे कि शनिवार को कॉलेज में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आयोजन में विभिन्न श्रेणियों में छात्रों को पुरस्कृत किया जाना है, लेकिन देवांश का नाम पुरस्कार सूची से काट दिया गया है।

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