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देशभर में लागू हो सकता है डीयू का पाठ्यक्रम

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार कराए जा पाठ्यक्रम के विर

By Edited By: Updated: Thu, 23 Apr 2015 12:59 AM (IST)
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अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा तैयार कराए जा पाठ्यक्रम के विरोध में जहंा देश भर के शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं, वहीं डीयू के कई शिक्षक पाठ्यक्रम बनाने में शामिल हैं। कई शिक्षकों का आरोप है कि डीयू में पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम से मिलता-जुलता पाठ्यक्रम ही शिक्षक आनन-फानन में तैयार कर यूजीसी को दे रहे हैं। अब च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत देश भर के विश्वविद्यालय डीयू का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। इस बात को लेकर यूजीसी के अधिकारियों में भी जबरदस्त मतभेद है।

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण ने कहा कि सेमेस्टर सिस्टम और चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को मिलाकर पाठ्यक्रम बना रहा है। इसका हम विरोध कर रहे हैं। इतिहास के पाठ्यक्रम में दिल्ली के इतिहास की जानकारी दी गई है। सवाल यह है कि पूर्वोत्तर के राज्य अपने यहां अपने प्रदेश का इतिहास पढ़ाएंगे कि दिल्ली का? हर विश्वविद्यालय स्थानीयता, विशेषता और जरूरत के हिसाब से पाठ्यक्रम तैयार करता है।

एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट के अध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्र का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूजीसी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर हमला कर रहा है। डीयू के कुछ शिक्षक उसका पाठ्यक्रम बनाने में सहयोग कर रहे हैं। क्या अब देश भर के विश्वविद्यालय में डीयू का पाठ्यक्रम लागू होगा? हमने विश्वविद्यालय प्रशासन, यूजीसी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इसके बारे में जानकारी दी है, लेकिन किसी को उच्च शैक्षणिक संस्थानों में स्वायत्तता की चिंता नहीं है।

झांसा है सीबीसीएस

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा का कहना है कि कई विश्वविद्यालयों में 50-60 फीसद शिक्षकों के पद रिक्त हैं। विश्वविद्यालय तदर्थ और संविदा पर शिक्षक रखकर पढ़ाई करा रहे हैं। गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए पहली जरूरत शिक्षकों की नियुक्ति है। भारत विविधता वाला देश है और हर प्रदेश की शिक्षा की जरूरतें अलग हैं। यूजीसी को इस बारे में सोचना चाहिए। कुल मिलाकर सीबीसीएस एक झांसा है।

डीयू का पाठ्यक्रम अपनाने में बुराई क्या है

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसके गर्ग यूजीसी द्वारा पाठ्यक्रम बनाने वाली समिति में शामिल हैं। वह केमेस्ट्री का पाठ्यक्रम बना रहे हैं। उनका कहना है कि कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम से डीयू का पाठ्यक्रम बेहतर है, तो इसे पूरे देश में अपनाने में क्या बुराई है। यदि कोई विश्वविद्यालय कुछ अतिरिक्त जोड़ना चाहता है तो उसके लिए 20 फीसद बदलाव की सुविधा है।

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