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बहाल किए गए निकाले गए शिक्षक

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में निकाले गए 12 तद

By Edited By: Updated: Wed, 13 May 2015 08:40 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में निकाले गए 12 तदर्थ शिक्षकों को बुधवार को दोबारा बहाल कर दिया गया है। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रवीण गर्ग ने कहा कि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत करने के बाद यह फैसला लिया गया। हालांकि, अभी भी अन्य कॉलेजों के तदर्थ शिक्षकों के मन में निकाले जाने का भय व्याप्त है।

कुछ शिक्षकों का कहना है कि ऐसा निर्णय तब लिया जा रहा है जब शैक्षणिक सत्र समाप्त होने में 10 दिन से भी कम समय बचा है। एक तदर्थ शिक्षक ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने डीयू में नेट की अनिवार्यता से संबंधित कोई पत्र नहीं भेजा है। यही नहीं, किसी कॉलेज को भी इस संबंध में किसी तरह का पत्र नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि स्थायी नियुक्तियों से संबंधित एक मामले में दयाल सिंह कॉलेज के एक शिक्षक को यूजीसी ने इस तरह की बाध्यता से इन्कार करते हुए पत्र भेजा था जिसके बाद उस शिक्षक की स्थायी नियुक्ति कॉलेज में हुई। एक अन्य तदर्थ शिक्षक ने कहा कि हमारी नौकरी प्रिंसिपल की कृपा पर है। ऐसे में वह जो कहते हैं हमें करना पड़ता है। आमतौर पर कोई तदर्थ शिक्षक प्रिंसिपल के खिलाफ नहीं जाता है। वहीं, एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट के अध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण मिश्र का कहना है कि कुछ कॉलेजों के प्रिंसिपलों का ऐसा करने में व्यक्तिगत हित है। वह मनचाहे शिक्षकों की भर्ती करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय के जिस आदेश का हवाला दिया जा रहा है उसकी विवेचना प्रिंसिपल अपने स्तर पर कर रहे हैं। तदर्थ शिक्षकों की परेशानी को लेकर डूटा ने भी अपनी भूमिका का निर्वहन ठीक ढंग से नहीं किया। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियुक्ति का मामला कॉलेजों का व्यक्तिगत है। वह इसके लिए योग्यता संबंधी विज्ञापन जारी करते हैं। इसलिए प्रशासन इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। आपको बता दें कि मंगलवार को दैनिक जागरण ने श्रद्धानंद कॉलेज से निकाले गए 12 तदर्थ शिक्षकों के संबंध में खबर प्रकाशित किया गया था।

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