कोर्स का फेर, आवेदन फॉर्म में होगी देर
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में करीब एक पखवाड़े में दाखिले की दौड़ शुरू होनी है और
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में करीब एक पखवाड़े में दाखिले की दौड़ शुरू होनी है और आवेदन के लिए कॉमन एडमिशन फॉर्म (ओएमआर) तैयार करने में देर होती नजर आ रही है। फॉर्म तैयार करने के लिए जरूरी है कि डीयू में उपलब्ध पाठ्यक्रमों को लेकर स्थिति साफ हो। च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लेकर विश्वविद्यालय में अभी अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है, इसके चलते आवेदन फॉर्म के प्रारूप को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।
विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देशों के तहत डीयू में इसी सत्र से सीबीसीएस को लागू किया जाना है ऐसे में विश्वविद्यालय को उन्हीं पाठ्यक्रमों के लिए दाखिले करने होंगे जो इस व्यवस्था में उपलब्ध होंगे। चूंकि अभी तक यूजीसी की ओर से कुल 28 कोर्सेज की पाठ्यसामग्री को अंतिम रूप दिया है सो ऐसे में डीयू अन्य कोर्सेज का क्या करें, यह सवाल अधिकारियों के समक्ष बना हुआ है।
डीयू में गत वर्ष ओएमआर फॉर्म में विद्यार्थियों को 40 कोर्स में एक साथ आवेदन का अवसर दिया गया था। ऐसे में यदि यूजीसी की ओर से मंजूर 28 पाठ्यक्रमों के लिए ही डीयू में दाखिला होता है तो ओएमआर फॉर्म से अन्य कोर्सो को हटाना होगा। जब तक कोर्स के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है, आवेदन फॉर्म तैयार नहीं हो सकता है। विश्वविद्यालय की योजना इस बार करीब 2 लाख ओएमआर फॉर्म छपवाने की है।
पहले ऑनलाइन आवेदन होगा शुरू
ऑफलाइन आवेदन फॉर्म के स्तर पर फंसे पेंच के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन की तैयारी है कि पहले ऑनलाइन आवेदन का विकल्प उपलब्ध करा दिया जाए। इसके पीछे तर्क ऑनलाइन आवेदन को बढ़ावा देने का दिया जा रहा है, लेकिन असलियत यह है कि ऑफलाइन फॉर्म छपने में समय लगेगा।
सीबीसीएस के लिए अब समय नहीं
डीयू कार्यकारी परिषद के सदस्य व दाखिला समिति के सदस्य डॉ. एके भागी का कहना है कि सीबीसीएस के विषय में अभी और चर्चा की जरूरत है। डीयू में अभी इस विषय में विचार नहीं हुआ है। जून में दाखिले की प्रक्रिया शुरू होनी है, इसलिए अब इसके लिए समय भी शेष नहीं है। इस व्यवस्था को सत्र 2016-17 में लागू किया जाना चाहिए।