बीकॉम में गणित अनिवार्य के फैसले पर डीयू कायम
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए बारहवीं में गणित विषय की अनिवार्यता के मामल
By Edited By: Updated: Mon, 08 Jun 2015 07:11 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए बारहवीं में गणित विषय की अनिवार्यता के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय कदम वापस लेने को तैयार नहीं है। स्कूल प्रबंधकों, विद्यार्थियों व अभिभावकों की ओर से लगातार बनाए जा रहे दबाव पर डीयू प्रशासन का कहना है कि बीते वर्षो में भी कॉलेज स्तर पर यह नियम लागू था। उस समय कॉलेज अपने स्तर पर न सिर्फ गणित की अनिवार्यता लागू रखते थे बल्कि यह भी तय करते थे कि दाखिले के लिए कम से कम कितने फीसद अंक इस विषय में अनिवार्य तौर पर चाहिए होंगे।
डीन छात्र कल्याण प्रो. जेएम खुराना का कहना है कि बीकॉम ऑनर्स स्तर पर गणित विषय की अनिवार्यता से राहत की मांग समझ से परे है। एकाएक नियम में बदलाव की बात की जा रही है, जबकि नए नियम में तो गणित विषय में पास होना ही पर्याप्त है बीते साल तक तो कॉलेज मनमर्जी से गणित में पास प्रतिशत की अनिवार्यता लागू करते थे। बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह नियम नया नहीं है बल्कि राहत भरा है। बता दें कि इस विषय को लेकर लगातार स्कूलों, शिक्षकों व अभिभावकों की ओर से राहत के लिए डीयू प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है। सीबीएसई अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय को भी पत्र लिखे जाने की बात सामने आई है। जहां तक विश्वविद्यालय की बात है तो इस विषय को लेकर अभी तक दो से तीन लोगों ने ही लिखित तौर पर राहत की मांग की है। लीगल स्टडीज पर भी चर्चा
सीबीएसई की ओर से पढ़ाए जाने वाले विषय लीगल स्टडीज, इंफोर्मेटिक्स प्रैक्टिस व म्यूजिक को बेस्ट फोर में शामिल करने पर होने वाली दस अंकों की कटौती से भी राहत की मांग हो रही है। इस संबंध में कुछ अभिभावकों व आवेदकों ने डीन छात्र कल्याण कार्यालय को मांगपत्र सौंपा है। डीन छात्र कल्याण का कहना है कि यह विषय डीयू की ओर से लिस्टेड विषयों में शामिल नहीं है, इसलिए कटौती जरूरी है। बीएससी कंप्यटर साइंस में दाखिला लेने पर इंफोर्मेटिक्स प्रैक्टिस विषय के स्तर पर होने वाली कटौती नहीं की जाएगी।
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