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सीबीसीएस का विरोध के लिए एकजुट हुए शिक्षक

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लेकर एक बार

By Edited By: Updated: Sun, 05 Jul 2015 07:55 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को लेकर एक बार फिर से बातचीत के लिए 7 जुलाई को बैठक बुलाई है। डीयू सहित देश के अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने इसके विरोध में व्यापक प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) तथा एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलेपमेंट (एएडी) सहित अन्य शिक्षक संगठन विरोध करने के लिए अभी से तैयारी करने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भी जोरदार तरीके से अपील की जा रही है।

इस व्यापक प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डूटा के पूर्व अध्यक्ष डॉ.आदित्य नारायण मिश्रा ने बताया कि सीबीसीएस और कॉमन यूनिवर्सिटी एक्ट के विरोध में डीयू के दक्षिण परिसर में धरना दे चुके हैं। केंद्रीयकरण के नाम पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शिक्षकों के कार्यभार को अनियमित कर शिक्षक पदों में भारी कमी की जा रही हैं।

विश्व के किन्हीं भी दो विश्वविद्यालय में समान पाठ्यक्रम लागू नहीं हैं। ऐसी स्थिति में सीबीसीएस एक आधारहीन और विवेकहीन प्रयास हैं। यह शिक्षा के सामान्यकरण व विश्वविद्यालय की पाठ्यक्रम निर्माण के अधिकार का हनन करने की नीति है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार ऐसी किसी भी नीति का खाका न बनाया जाए जो विश्वविद्यालय की स्वतंत्रता का हनन करती हो।

इस संबंध में डूटा की अध्यक्ष डॉ. नंदिता नारायण का कहना है कि हम भी इसका जोरदार तरीके से विरोध कर रहे हैं और सात जुलाई को भी करेंगे। क्योंकि यह पूरी तरह शिक्षक और छात्रों के हित में नहीं है। सरकार इस बात को गंभीरता से नहीं समझ रही है कि विगत वर्ष चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम की तर्ज पर ही इसके पाठ्यक्रम हैं जिसे बस तीन वर्ष के खांचे में फिट कर दिया गया है।

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