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शिक्षा का राजनीतिकरण कर रही है सरकार : विजेंद्र गुप्ता

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : संसदीय सचिवों को कवच प्रदान करने वाले बिल के बाद अब दिल्ली नेताजी सुभाष

By Edited By: Updated: Sat, 11 Jul 2015 09:32 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : संसदीय सचिवों को कवच प्रदान करने वाले बिल के बाद अब दिल्ली नेताजी सुभाष तकनीकी विश्वविद्यालय बिल 2015 को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है। भाजपा ने इसे असंवैधानिक तथा उच्च शिक्षा का स्तर गिराने वाला बताते हुए उपराज्यपाल नजीब जंग से इसे मंजूरी नहीं देने की मांग की है। भाजपा का कहना है कि इससे विश्वविद्यालय में राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ेगा। इस संबंध में दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को पत्र लिखा है।

उनका कहना है कि यह बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है। इसके द्वारा सरकार उपराज्यपाल को संविधान द्वारा प्राप्त अधिकारों को छीनकर अपने पास रखना चाहती है। दिल्ली नेताजी सुभाष तकनीकी विश्वविद्यालय बिल 2015 पास करके आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने विश्वविद्यालयों में अपने लोगों को कुलपति पद पर बैठाने का साजिश किया है। इसलिए इसे पूरी तरह निरस्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के सदस्यों को मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकालने के बाद इस बिल को पेश कर बगैर चर्चा के इसे पास कराया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्वायत्तशासी संस्था है। यहां उच्च शिक्षा दी जाती है। इसलिए ऐसे संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए, जबकि इस बिल से राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ेगा।

क्योंकि इसके अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति सरकार करेगी। इसके लिए सरकार एक कमेटी गठित करेगी, जिसके द्वारा सुझाए गए व्यक्ति को ही कुलपति बनाया जाएगा। ऐसा करके उपराज्यपाल जो कि राज्य के विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है के अधिकारों को गौण बना दिया गया है। कुलपति की नियुक्ति का उसका अधिकार छिन जाएगा। इसलिए उपराज्यपाल को इसे मंजूरी देने के बजाय विधानसभा को वापस कर देना चाहिए।

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