सीबीसीएस पास, मुश्किल में कॉलेज
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में आनन-फानन में लागू हुआ च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम
By Edited By: Updated: Wed, 15 Jul 2015 08:45 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में आनन-फानन में लागू हुआ च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) 20 जुलाई से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र से पहले कॉलेजों के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। कई कॉलेजों में विषय, समय सारिणी और वर्कलोड को लेकर जोरदार बहस हुई, लेकिन हल नहीं निकला। प्रिंसिपल इस नई व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने को तैयार नहीं हैं।
एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि हमारे लिए सब कुछ एक झटके में तय करना कठिन है क्योंकि अभी तक दिल्ली विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूरा सेलेबस भी नहीं आया है। ¨हदी सहित कुछ विषयों में वर्कलोड घट रहा है। ऐसे में उन शिक्षकों को क्या काम दिया जाए, यह भी सवाल खड़ा हो रहा है। साउथ कैंपस के एक प्रिंसिपल का कहना है कि डीयू प्रशासन हमारी परेशानियों को नहीं समझता है। हम सीबीसीएस के विरोध में नहीं हैं, लेकिन कोई भी नई व्यवस्था लागू करने से पहले उसके सभी पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए था। इसे भी लागू करने के लिए 2016 तक का समय लिया जा सकता था। कुछ प्रिसिंपल तदर्थ शिक्षकों की नौकरी को लेकर भी आश्वस्त नहीं हैं क्योंकि यदि ¨हदी अंग्रेजी सहित अन्य विषयों में स्थाई शिक्षकों की पर्याप्त संख्या हो रही है तो तदर्थ शिक्षकों की छंटनी की जा सकती है। नार्थ कैंपस के प्रसिद्ध कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि हम हर स्थिति में तैयार हैं, लेकिन हमारी सुविधाओं का भी ध्यान दिया जाना चाहिए। कभी-कभी ऐसा लगता है कि डीयू प्रशासन फरमान जारी करता है और हम उसे मानने के लिए बाध्य हैं। सीबीसीएस लागू करने के लिए भी यही स्थिति है।
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