आइसा के जनमत संग्रह में सीबीसीएस फेल
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : छात्रसंघ चुनाव से पहले ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने अपने जनमत संग्रह में
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : छात्रसंघ चुनाव से पहले ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन ने अपने जनमत संग्रह में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को फेल बताया है। नार्थ कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम में आइसा ने लगभग 600 छात्रों की मौजूदगी में जनमत संग्रह का परिणाम घोषित किया। आइसा ने 38 कॉलेज के 24780 छात्रों से 9 सवाल पूछे थे। छात्रों ने सीबीसीएस को सिरे से नकार दिया। आइसा के पदाधिकारियों का कहना है कि जनमत संग्रह के नतीजों ने सीबीसीएस पर यूजीसी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय व डीयू प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है।
आइसा ने सीबीसीएस पर छात्रों का मत जानने के लिए 11 अगस्त को जनमत संग्रह किया था। 23045 (लगभग 93 फीसद) छात्रों ने कहा कि सीबीसीएस में ऑनर्स के पेपर 18 से घटाकर 14 कर कोर्स की गुणवत्ता को बट्टा लगाया गया है। 21558 (लगभग 87 फीसद) छात्रों ने कहा कि जेनरिक एलेक्टिव में टेक्स्ट बुक्स से संबंधित तथ्य स्पष्ट नहीं हैं। 23541 (95 फीसद) छात्रों का कहना है कि उन्हें यह स्पष्ट नहीं है कि क्रेडिट ट्रासफर और मूल्याकन कैसे किया जाएगा। लगभग सभी छात्र इस बात से सहमत थे कि यूजीसी के निर्देशों के अनुसार कॉलेज उन्हें विकल्प नहीं दे रहे हैं। 23045 (93 फीसद) छात्रों ने कहा कि क्रेडिट सिस्टम से डीयू में मूल्यांकन प्रभावित होगा।
आइसा अध्यक्ष सुचेता डे का कहना है कि छात्रों को सीबीसीएस के नाम पर ठगा जा रहा है। एक महीना पूरा होने वाला है और छात्रों को जेनरिक एलेक्टिव की एक भी क्लास नहीं मिली। कॉलेज ने फुर्ती से परीक्षा की डेटशीट निकाल दी, लेकिन छात्रों को यह तक नहीं पता है कि कौन सी किताबें पढ़ें। आइसा उपाध्यक्ष कंवल ने कहा कि कुछ दिन ही बीते हैं और सीबीसीएस की जर्जर इमारत हमारे सामने है। जैसे-जैसे सेमेस्टर बीतेगा, यह उथल-पुथल अकादमिक गुणवत्ता को ढहा देगा। गौरतलब है कि इससे पहले स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी जनमत संग्रह कराया था, जिसमें छात्रों ने सीबीसीएस को नकार दिया था।