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चुनाव में नियमों का पालन कराए डीयू

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों में धन-बल

By Edited By: Updated: Tue, 08 Sep 2015 10:35 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

हाई कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों में धन-बल के प्रयोग पर लगाम कसने व भ्रष्ट आचरण के जरिए चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराने के मामले में डीयू को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। न्यायमूर्ति वीपी वैश ने डूसू चुनावों के मुख्य चुनाव अधिकारी डीएस रावत को दो दिन में याची द्वारा उठाए मुद्दों पर ठोस कार्रवाई करने के लिए कहा है।

अदालत ने कहा कि चुनावों के लिए लिंगदोह कमेटी द्वारा की गई सिफारिशों के पालन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा चुनाव में उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। अदालत ने याची को कहा कि यदि उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो वे पुन: अदालत में याचिका दायर कर सकती हैं।

पेश मामले में डीयू लॉ सेंटर-1 की छात्रा रूबी ने यह जनहित याचिका दायर की है। याची का आरोप है कि 11 सितंबर को होने वाले डूसू चुनाव में प्रत्याशी तय नियम- कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्याशी वोटरों को लुभाने के लिए घूस, प्रचार, सावर्जनिक सभाए कर रहे हैं। याचिकाकर्ता के वकील अधिवक्ता सुभाष चन्द्रन केआर ने खंडपीठ को बताया कि प्रत्याशी चुनाव में मात्र हाथ से लिखे पोस्टर के जरिए ही प्रचार कर सकते हैं लेकिन यहां हस्तलिखित शैली में प्रिंटिड पोस्टरों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा बड़ी कार रैलियों का आयोजन कर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकांश प्रत्याशी भाजपा, कांग्रेस, आप से जुड़े हैं और एबीवीपी, एनएसयूआइ व सीवाईएसएस के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। हाल ही में आप की छात्र इकाई सीवाईएसएस ने तालकटोरा स्टेडियम में फ्रेशर्स के नाम पर रॉक कंसर्ट का आयोजन किया था। यह सरासर लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन है। उनका कहना था कि पूरी दिल्ली चुनावों से संबंधित पोस्टरों से भरी पड़ी है। बावजूद इसके संबंधित पक्षों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उन्होंने कहा दिल्ली पुलिस ने तय नियमों का उल्लंघन करने के संबंध में 60 से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की हैं। ऐसे में भ्रष्ट आचरण अपनाने व गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त प्रत्याशियों को अयोग्य ठहराने का निर्देश दिया जाए।

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नाम के आगे एएए लिखने पर

आइसा ने दायर की याचिका

जासं, नई दिल्ली : डीयू चुनावों को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेट एसोसिएशन (आइसा) ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया कि चुनावों में प्रत्याशियों की लिस्ट में सबसे आगे नाम रखने के लिए प्रत्याशी अपने नाम के आगे ए, एए व एएए लिखकर छात्रों को भ्रमित कर रहे हैं। याची के अनुसार चुनावों से ठीक पहले चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्र अपने नाम के आगे एएए लिखवा लेते हैं ताकि उनका नाम लिस्ट में पहले आए और छात्र उनको अधिक वोट दें।

याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने 20 नवंबर 2014 को इसी मुद्दे पर डीयू को दिशा निर्देश तय करने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक इस मामले में कुछ नहीं किया गया। इस बार भी चुनावों में तीन छात्रों ने ऐसा ही रवैया अपनाया है। उन्होंने इन छात्रों के नाम सूची से हटाने व भविष्य में इस प्रकार के नाम परिवर्तन को 30 सितंबर यानि चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद मान्यता प्रदान करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।

डीयू के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान डीयू प्रशासन से इस मुद्दे पर विचार कर जवाब दाखिल करने का आग्रह किया। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिण् 9 सितंबर की तारीख तय की है।

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नामांकन रद करने के निर्णय को दी चुनौती

जासं, नई दिल्ली : राम लाल आनंद कॉलेज के छात्र ¨रका अग्रवाल ने छात्र संघ चुनावों में अध्यक्ष पद पर उसका नामांकन रद करने के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याची ने आरोप लगाया कि उसका नामांकन हाजिरी कम होने का तर्क देकर रद किया गया है, जबकि उसकी हाजिरी पूरी है।

याची ने कहा कि उसने 28 अगस्त को नामांकन किया। दो सितंबर को प्रत्याशियों की जारी सूची में उसका नाम न होने पर उसने प्रधानाचार्य, शिकायत निवारण सेल इत्यादि से संपर्क किया। जहां उसे बताया गया कि चुनाव के लिए न्यूनतम हाजिरी 75 प्रतिशत होनी चाहिए और उसकी हाजिरी 73.02 प्रतिशत है। याची ने कहा कि वह कॉलेज व डीयू की शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल रहा है। इसके अलावा उसे लैबोरेटरी संबंधी सैंपल एकत्रित करने की ड्यूटी में लगाया गया था और उसके अनुसार उसे 10 प्रतिशत हाजिरी में छूट मिलनी तय थी। ऐसा न कर उसका नामांकन रद कर दिया गया। ऐसे में प्रधानाचार्य के मनमाने व बदनियती पूर्ण फैसले को रद किया जाए।

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