Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

विदाई से पहले वीसी बन सकते हैं डूटा अध्यक्ष के लिए मुसीबत

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह भले ही इस माह के

By Edited By: Updated: Thu, 15 Oct 2015 10:54 PM (IST)
Hero Image

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. दिनेश सिंह भले ही इस माह के अंतिम सप्ताह में विदा हो रहे हों, लेकिन इस बीच का समय दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की अध्यक्ष नंदिता नारायण के लिए भारी पड़ने वाला है। बताया जाता है कि 28 अक्टूबर से पहले डीयू प्रशासन डूटा अध्यक्ष के खिलाफ कोई बड़ा निर्णय ले सकता है। दरअसल, कुछ कॉलेजों द्वारा शिकायत आने पर डीयू प्रशासन ने उनको नोटिस जारी कर तथ्य निर्धारण (फैक्ट फाइंडिंग) समिति के समक्ष 19 अक्टूबर को सुबह साढ़े ग्यारह बजे उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा है। इसमें उनके खिलाफ कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। आरोप है कि उन्होंने एक कॉलेज में बिना अनुमति के पहुंच कर वहां का माहौल खराब किया। स्कूल ऑफ ओपन लर्निग की बैठक में व्यवधान डाला।

सूत्रों के अनुसार डीयू प्रशासन ने शिकायत मिलने पर ही तथ्य निर्धारण समिति बना ली थी। उसने शिकायतकर्ताओं से पूछताछ भी कर ली है। 19 अक्टूबर को समिति की अंतिम बैठक है, जिसमें डूटा अध्यक्ष को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। इसके बाद जांच समिति बनेगी और हो सकता है कि समिति माह के अंत में अपना फैसला भी सुना दे।

यदि जांच समिति का फैसला डूटा अध्यक्ष के खिलाफ आता है तो डीयू प्रशासन उनके शिक्षक की मान्यता भी रद कर सकता है या सेंट स्टीफंस कॉलेज को निर्णय लेने के लिए रिपोर्ट भेज सकता है, जहां पर डूटा अध्यक्ष गणित की प्राध्यापिका हैं। यहां कॉलेज की गवर्निग बॉड़ी उनके खिलाफ कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

जानकारी के अनुसार पूर्व में सेंट स्टीफंस कॉलेज की गवर्निग बॉड़ी ने नंदिता नारायण के खिलाफ एक प्रस्ताव पास करके डीयू प्रशासन को भेज दिया था, जिसमें उनके खिलाफ शिकायत के साथ डीयू प्रशासन को अंतिम निर्णय लेने के लिए कहा गया था।

बताया जाता है कि डीयू प्रशासन द्वारा 13 अक्टूबर को डूटा अध्यक्ष को भेजे गए पत्र में यह स्पष्ट लिखा गया है कि आपके खिलाफ कई कॉलेज और संस्थानों से शिकायतें आई हैं। इसके अलावा आपने मीडिया में गलत तरीके से बयान दिया है अत: 19 अक्टूबर को पहुंचकर तथ्य निर्धारण समिति के समक्ष अपना पक्ष रखें। ज्ञात हो कि चार वर्षीय स्नातक पाठ््यक्रम से लेकर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम तक का डीयू कुलपति को डूटा द्वारा भारी विरोध झेलना पड़ा है।

डूटा ने आज भी बुलाई बैठक

उधर, डूटा अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को अपने पदाधिकारियों के साथ बैठक की और शुक्रवार को भी इस पर आपातकालीन बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की योजना पर विचार किया जाएगा। इस पूरे प्रकरण पर डूटा अध्यक्ष नंदिता नारायण का कहना है कि डीयू कुलपति दुर्भावना से काम कर रहे हैं और वे बदला लेना चाहते हैं। यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हनन है। डूटा इसका विरोध करता है। इस मामले में पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ.आदित्य नारायण मिश्रा का कहना है कि डूटा अध्यक्ष को इस तरह से नोटिस देना नियमानुकूल नहीं है। यह शिक्षकों के ऊपर लगाम लगाने वाली बात है। हम इसका विरोध करेंगे।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें