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यूजीसी के सामने देश भर से जुटे छात्र

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (नेट)

By Edited By: Updated: Mon, 26 Oct 2015 09:06 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा (नेट) के बिना फेलोशिप को लागू करने की सहमति देने के बाद भी वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। दोपहर दो बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की और छात्रहित के लिए फेलोशिप बढ़ाने व इसे सबके लिए लागू करने की मांग की। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए दोपहर से ही यूजीसी गेट के बाहर पुलिस तैनात थी।

प्रदर्शनकारी छात्र संगठनों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी निर्णय स्पष्ट नहीं है, क्योंकि इसमें यह कहीं नहीं कहा गया है कि यह फेलोशिप आगे छात्रों को दी जाएगी या नहीं। इसमें आर्थिक आधार की शर्त भी लगा दी गई है।

यूजीसी चेयरमैन ने छात्रों के प्रतिनिधि मंडल को मिलने के लिए बुलाया, लेकिन दोनों पक्षों के बीच बातचीत बेनतीजा रही। ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन के राज्य सचिव आशुतोष ने बताया कि यूजीसी चेयरमैन ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया, बल्कि यह कहा कि इस विषय को लेकर एक समिति का गठन किया गया है जो दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी। छात्रों को उसका इंतजार करना चाहिए। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि यह पूरे देश के छात्रों के हितों पर कुठाराघात है। सरकार देश में शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है। इसलिए इस तरह के निर्णय लिए जा रहे हैं। प्रदर्शन में आइसा, एसएफआइ, डीएसओ, एआइएसएफ, डीएसएफ सहित कई छात्र संगठनों तथा डीयू, जेएनयू, जामिया, अलीगढ यूनिवर्सिटी व पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों ने हिस्सा लिया।

सरकार डब्ल्यूटीओ के दबाव में है

उधर, दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा है कि सरकार डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) के दबाव में है। दिसंबर में जिस तरह का समझौता भारत करने जा रहा है उससे शिक्षा का निजीकरण होने की पूरी संभावना है। आज जिस तरह ग्रीस के समक्ष संकट उत्पन्न हुआ है, वही हाल भारत का हो जाएगा। सरकार ने शिक्षा का बजट 89 हजार करोड़ से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया है।

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