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परीक्षार्थियों के आकलन में चूका कॉलेज, देर से शुरू

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में शुक्रवार को आयोजित सेमेस्टर पर

By Edited By: Updated: Fri, 27 Nov 2015 10:28 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज में शुक्रवार को आयोजित सेमेस्टर परीक्षा में परीक्षार्थियों के आकलन में बड़ी चूक हुई। कॉलेज प्रशासन की ओर से 900 परीक्षार्थियों के लिए सुबह की पाली में परीक्षा का आयोजन करने की तैयारी की गई, जबकि परीक्षा देने करीब 13 सौ विद्यार्थी पहुंच गए। ऐसे में करीब 400 परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा अलग से आयोजित की गई, जिससे परीक्षा लेट हुई।

कॉलेज की प्राचार्य डॉ. प्रत्युष वत्सला त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षार्थियों की संख्या के आकलन में हुई चूक के चलते शुक्रवार को करीब 400 विद्यार्थियों को लिए यकायक अलग से परीक्षा की तैयारी करनी पड़ी। इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी से लेकर परीक्षार्थियों को बैठने तक का इंतजाम शामिल था। इस स्थिति से निबटने में लगे समय के चलते सुबह की पाली में करीब 900 छात्राओं की परीक्षा साढे़ नौ बजे शुरू हुई, जबकि कुछ की परीक्षा में एक घंटे तक का विलंब हो गया। इस समस्या के विषय में परीक्षा विभाग को सूचित कर दिया गया था और निर्धारित अवधि से कुछ विलंब के बाद सभी उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा विभाग को भेज दी गई थीं। यहां बता दें कि कॉलेज में सुबह की पाली के बाद सांध्य पाली में भी दोपहर ढाई बजे परीक्षा का आयोजन किया गया।

छात्रा घर ले गई उत्तर पुस्तिका

उधर, डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) के सचिव डॉ. राजीव कुंवर ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि कॉलेज में सुबह की पाली में हुई परीक्षा के बाद अंग्रेजी ऑनर्स प्रथम वर्ष की एक छात्रा अपनी उत्तर पुस्तिका घर ले गई थी, जिसका रोल नंबर 15040511034 है। जब उत्तर पुस्तिकाओं की गिनती में एक कॉपी गुम पाई गई तो छात्रा की जानकारी जुटाकर उसे घर से बुलाया गया। इस स्थिति में मामला पूरी तरह से परीक्षा में गड़बड़ी का बनता है, लेकिन परीक्षा विभाग की शह पर कॉलेज प्रशासन ने इस छात्रा को पुन: परीक्षा का अवसर दिया और वह भी उस सूरत में जबकि वह प्रश्नपत्र तक घर ले जा चुकी थी। अब मामले को दबाने के लिए अनुचित तथ्य पेश किए जा रहे हैं। डॉ. कुंवर का आरोप है कि इस मामले की गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस विषय में जब कॉलेज प्राचार्य से पूछा गया तो उन्होंने डॉ. कुंवर के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

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