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केजरीवाल का ट्वीट 'DDCA भ्रष्टाचार की जांच में अरुण जेटली को क्लीन चिट नहीं'

अपनी ही सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी में अरुण जेटलो को क्लीन चिट देने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल असहमत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इस बार ट्वीट पर पूरी भाजपा पर हमला किया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 28 Dec 2015 05:58 PM (IST)
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नई दिल्ली। दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के मामलों से जुड़ी दिल्ली सरकार की जांच रिपोर्ट में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नाम का उल्लेख नहीं होने के बावजूद अरविंद केजरीवाल झुकने को तैयार नहीं दिखते।

उन्होंने आज सुबह ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी और वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला जारी रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा मुझसे माफी मांगने के लिए कह रही है, लेकिन मैं माफी नहीं मांगूंगा।

अरुण जेटली को नहीं मिली क्लीन चिट

डीडीसीए भ्रष्टाचार को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली को क्लीन चिट पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जेटली ने क्लीन चिट नहीं दी है।

डीडीसीए में हुए गलत काम

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा है कि जांच रिपोर्ट में गलत कार्यों का जिक्र है, लेकिन इसमें जिम्मेदारी नहीं पता चल पाई है।

कोर्ट में दूंगा जवाब

मानहानि के केस को लेकर केजरीवाल ने कहा कि मानहानि के मुकदमे में सवालों के जवाब दूंगा।

वहीं, दोपहर 12 बजे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पत्रकार वार्ता कर अरुण जेटली पर दोबारा हमला किया। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आई ही नहीं है, तो ऐसे में क्लीन चिट का सवाल ही नहीं पैदा होता।

पत्रकार वार्ता में मनीष सिसोदिया ने कहा कि अरुण जेटली को दिल्ली सरकार से क्लीन चिट नहीं मिली है। उन्होंने सवाल किया कि जब घपला नहीं तो जांच से क्यों घबरा रहे हैं अरुण जेटली?

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जांच रिपोर्ट में किसी का भी नाम नहीं है। अब तक हुई जांच में घपले की बात कही गई है। अभी तो जांच शुरू हुई है। भाजपा इतनी हड़बड़ी में क्यों है।

उपमुख्यमंत्री के भाजपा से सवाल

1. जांच से भाग क्यों रहे हैं अरुण जेटली?

2. भाजपा डर क्यों रही है?

3. घपला नहीं किया तो जांच होने दें?

4. अगर घपला नहीं किया है तो खुलकर कहें कि जांच कर लें?

5. घपलों के दौरान जेटली अध्यक्ष थे या नहीं?

6. प्रति दिन की दर पर लैपटॉर किराए पर लिए गए, ये घोटाला था या नहीं?

7. भाजपा बताए घपले के दौरान जेटली जी अध्यक्ष थे या नहीं।

8. जेटली जी डर क्यों रहे हैं?

9. रिपोर्ट के मुताबिक स्टेडियम बनने में घपला हुआ?

गौरतलब है कि भाजपा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डीडीसीए मुद्दे पर अरुण जेटली के खिलाफ आरोप लगाने के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा था। मांंफी मांगने के पीछे आधार यह बताया गया कि दिल्ली सरकार की रिपोर्ट में वित मंत्री के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

तत्काल निलंबित हो डीडीसीए

यहां पर याद दिला दें कि सतर्कता विभाग के प्रधान सचिव चेतन सांघी की अगुवाई वाली तीन-सदस्यीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि डीडीसीए पर बड़ी संख्या में आरोपों को देखते हुए बीसीसीआई को इस क्रिकेट संस्था को तुरंत निलंबित कर दिया जाए।

रिपोर्ट में अरुण जेटली की भूमिका का उल्लेख किए बिना डीडीसीए में कथित अनियमितताओं के बारे में कई टिप्पणियां की गई हैं। इसमें अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना कॉरपोरेट बॉक्सों का निर्माण तथा आयु पुष्टि प्रमाणपत्र में फर्जीवाड़े की शिकायतें हैं।

कटघरे में बीसीसीआइ

जांच समिति ने डीडीसीए में गड़बड़ी को लेकर कोई कदम नहीं उठाने पर बीसीसीआई को आड़े हाथ लिया है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट से अनुरोध करना चाहिए कि न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की क्रिकेट प्रशासक के कामकाज को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश को लागू किया जाए।

आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा समिति बीसीसीआई के कामकाज के तरीकों में सुधार के लिए अपनी सिफारिशों पर काम कर रही है। जेटली 1999 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष थे और वह इस समय विपक्ष के निशाने पर हैं।

यूपीए सरकार के शासनकाल में गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय द्वारा की गई जांच में भी जेटली के विरूद्ध कुछ नहीं पाया गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि सीबीआई ने उनके कार्यालय पर डीडीसीए की फाइलों का पता लगाने के लिए छापा मारा था।

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