DU में दाखिले से पहले पास करना होगा फोरेंसिक विशेषज्ञों का इम्तिहान
फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दाखिले के समय प्रमाणपत्रों की जांच के लिए डीयू के प्रत्येक कॉलेज में फोरेंसिक विशेषज्ञ अब प्रमाणपत्रों की जांच करेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में शुक्रवार को एक बार फिर दाखिला समिति की बैठक हुई। बैठक में स्नातक स्तर पर दाखिले के नियमों सहित कई प्रावधानों पर विचार हुआ, जिससे कि छात्रों को सहूलियत हो और फर्जीवाड़ा भी रुके।
दाखिला समिति के सदस्य डॉ. आरएन दुबे ने बताया कि समिति ने फर्जीवाड़ा रोकने के लिए दाखिले के समय प्रमाणपत्रों की जांच के लिए प्रत्येक कॉलेज में फोरेंसिक विशेषज्ञ को बैठाने की बात की है। इससे प्रमाणपत्रों की प्रमाणिकता की जांच हो सकेगी।
डीयू के कुछ कॉलेजों में पहले भी विशेषज्ञ जांच करते थे। किसी भी तरह के आरक्षण में चाहे वह एससी-एसटी हो या ओबीसी या अन्य इसमें केंद्र सरकार द्वारा तय नियम या प्रावधान ही मान्य होंगे। प्राय: एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग में राज्यों ने जिन जातियों को रखा है, उनमें से कई को केंद्र ने आरक्षित वर्ग में नहीं रखा है।
क्रीमीलेयर, आय प्रमाणपत्र, जाति सहित अन्य प्रमाणपत्रों के साथ छात्र को इसकी सत्यता से संबंधित शपथ पत्र भी देना होगा। समिति के अधिकांश सदस्यों ने एक बार फिर कहा कि कॉमन एडमिशन फार्म में सेंट स्टीफंस और जीजस एंड मेरी को भी शामिल किया जाए, भले ही दाखिला अपने हिसाब से लें।
सेंट स्टीफंस ने किया इन्कार
सेंट स्टीफंस कॉलेज ने कॉमन एडमिशन फार्म में साथ आने से मना कर दिया है। कॉलेज प्रशासन ने डीयू को स्पष्ट कर दिया है कि उसे सुप्रीम कोर्ट से वर्ष 1991 में इस प्रक्रिया से अलग रहने की छूट मिली है। डीयू प्रशासन ने इस संबंध में सेंट स्टीफंस कॉलेज को पत्र लिखा था। अब तीन सिख कॉलेज, जिन्हें अल्पसंख्यक कॉलेज का दर्जा मिला है उनको लेकर सवाल खड़ा हो गया है कि वे डीयू के साथ इस प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे कि अलग से आवेदन फार्म निकालेंगे। दाखिला समिति के एक सदस्य ने बताया कि सिख अल्पसंख्यक कॉलेज के एक प्रिंसिपल ने कहा कि यदि सेंट स्टीफंस और जीजस एंड मेरी कॉलेज दाखिले के लिए अपना नियम बना सकते हैं तो सिख कॉलेज क्यों नहीं। समिति में इस संबंध में अंतिम निर्णय नहीं लिया है। सोमवार को फिर बैठक बुलाई गई है।
स्पोर्ट्स और ईसीए कोटे के लिए अलग प्रावधान
डीयू में स्पोर्ट्स और ईसीए (एक्स्ट्रा करिकुलम एक्टिविटीज) कोटे के तहत दाखिला लेने वाले छात्रों की योग्यता के तौर पर 50 फीसद अंक प्रमाणपत्र के आधार पर और बाकी 50 फीसद उसकी परफार्मेस के आधार पर तय होंगे। ईसीए में 25 फीसद प्रमाणपत्र और 75 फीसद परफार्मेस के आधार पर चयन होगा। किसी भी स्थिति में परफार्मेस का अंक 30 से कम नहीं होना चाहिए।