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डीयू में दूसरे दिन भी शिक्षकों ने नहीं किया मूल्यांकन

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लगातार दूसरे दिन भी शिक्षकों ने छात्रों

By Edited By: Updated: Wed, 25 May 2016 07:38 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में लगातार दूसरे दिन भी शिक्षकों ने छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं किया। शिक्षक कॉलेज तो गए, लेकिन वहां विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के गजट को लेकर ही चर्चा हुई। शिक्षक संगठनों के नेताओं ने कॉलेजों में शिक्षकों से मूल्यांकन प्रक्रिया में शामिल नहीं होने की अपील की।

कई मूल्यांकन केंद्रों पर मंगलवार की अपील के बाद शिक्षक नहीं पहुंचे। दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी समिति की सदस्य डॉ. आभा देव हबीब ने बताया कि मिरांडा हाउस कॉलेज में शिक्षकों ने मूल्यांकन में हिस्सा नहीं लिया। 28 मई को होने वाली जनरल बॉडी मीटिंग का स्थान पहले नार्थ कैंपस का शंकर लाल सभागार निर्धारित था, लेकिन डीयू प्रशासन ने इस पर सहमति नहीं दी है। इसलिए दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने बैठक के स्थान को लेकर कॉलेजों को भी पत्र लिखा है। कई कॉलेजों के पास भव्य सभागार है।

शिक्षक संगठन एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट के मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश झा का कहना है कि सरकार की नीतियां शिक्षा और शिक्षक विरोधी हैं। तदर्थ शिक्षकों की नौकरी बचाने और स्थाई शिक्षकों पर बढ़ते कार्यभार को रोकने के लिए शिक्षक एकजुट हुए हैं। यह अभियान अब राष्ट्रीय स्तर पर चलेगा। डीयू के विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि पूरे देश के शिक्षकों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी के विरुद्ध संघर्ष के लिए तैयार किया जा रहा है। एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम द्वारा दिल्ली और दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को एकजुट करने का प्रयास किया जा रहा है। फोरम ने दो प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं, जिन्हें इस मुद्दे पर शिक्षकों को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालयों में भेजा जा रहा है।

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