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डीयू शिक्षक अब दाखिला प्रक्रिया का भी करेंगे बहिष्कार

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : विश्वविद्यालय शिक्षकों की सेवा शर्तो के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान

By Edited By: Updated: Wed, 15 Jun 2016 09:32 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : विश्वविद्यालय शिक्षकों की सेवा शर्तो के संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की अधिसूचना के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) मूल्याकंन के बाद अब दाखिला प्रक्रिया का भी बहिष्कार करेगा। बुधवार को डूटा कार्यकारिणी की बैठक में इस बाबत निर्णय कर लिया गया है जिस पर बृहस्पतिवार को श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में आयोजित शिक्षकों की आम सभा में अंतिम मुहर लगने जा रही है। मूल्याकंन प्रक्रिया 20 जून तक बंद रहेगी और शनिवार 18 जून को डीयू शिक्षक मंडी हाउस पर कैंडल मार्च के माध्यम से विरोध दर्ज कराएंगे।

डूटा के संयुक्त सचिव राजेश झा ने बताया कि बुधवार को कार्यकारिणी की बैठक में फैसला किया गया है कि दाखिला प्रक्रिया में शिक्षक काम नहीं करेंगे। सरकार शिक्षकों के विरोध पर खामोश है, इसलिए विरोध जारी रहेगा। बैठक में यह भी तय किया गया है कि शिक्षक कॉलेजों में स्टॉफ काउंसिल कमेटी का भी बहिष्कार करेंगे। शिक्षक संघ का कहना है कि उन्हें रोल बैक से कम कुछ भी स्वीकार नहीं है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) के अध्यक्ष डॉ. एके भागी ने बताया कि बुधवार को यूजीसी कमीशन की बैठक में वर्कलोड के विषय में शिक्षकों के लिए राहत का प्रावधान कर दिया गया है, जिसको लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी सूचना जारी की है। हम मंत्रालय के इस कदम का स्वागत करते हैं। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में नई सेवा शर्तो में लटकी पदोन्नति की व्यवस्था को लेकर भी शुभ समाचार मिलेगा। सरकार के स्तर पर मिली वर्कलोड की राहत का स्वागत है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा।

यूजीसी की ओर से शिक्षकों की सेवा शर्तो व पदोन्नति के लिए तय किए गए नए नियमों के विरोध में 24 मई से डीयू शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की मूल्याकन प्रक्रिया का बहिष्कार कर रहे हैं।

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साउथ कैंपस निदेशक ने की मुलाकात

उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्याकन के बहिष्कार को लेकर बुधवार को साउथ कैंपस निदेशक प्रो. जेपी खुराना ने डूटा प्रतिनिधियों से मुलाकात की। डीयू प्रशासन की तरफ से नार्थ कैंपस स्थित श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्राचार्य डॉ जसविंदर सिंह व दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके गर्ग भी शामिल थे। डूटा के संयुक्त सचिव डॉ. राजेश झा ने बताया कि डीयू प्रशासन को शिक्षकों का पक्ष बता दिया गया है। फिलहाल उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्याकन का बहिष्कार जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि डीयू प्रशासन चाहता है कि शिक्षक मूल्याकन सेंटरों पर पहुंचे और मूल्याकन प्रक्रिया में शामिल हो, जिससे अंडर ग्रेजुएट स्तर के कोर्स के परिणाम जारी होने में देरी न हो। मुलाकात में

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