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डीयू में दाखिला ही नहीं हॉस्टल मिलना भी मुश्किल

अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में ऊंची कटऑफ के कारण लाखों छात्र चाहकर भी इ

By Edited By: Updated: Fri, 17 Jun 2016 07:40 PM (IST)
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अभिनव उपाध्याय, नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में ऊंची कटऑफ के कारण लाखों छात्र चाहकर भी इसमें दाखिला नहीं ले पाते हैं, वहीं जिनको दाखिला मिल जाता है उनके लिए हॉस्टल पाना आसान नहीं होता। हॉस्टलों की संख्या कम होने के कारण इसके लिए भी कटऑफ लिस्ट निकाली जाती है और यह भी काफी ऊंची जाती है। डीयू में दाखिले के बाद रहने और खाने की समस्या यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए प्रमुख है। दाखिला पाने वाले अधिकतर छात्रों को हॉस्टल के अभाव में किराये के मकान में रहना पड़ता है। डीयू और उसके कॉलेजों के पास 19 हॉस्टल हैं, जिनमें सीटों की कुल संख्या 3580 है।

हॉस्टल में 15 फीसद सीटें एसी और 7.5 फीसद एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जबकि ओबीसी वर्ग के लिए हॉस्टल की सीटों में कोई आरक्षण नहीं है। इसके अलावा दिव्यांग वर्ग के लिए भी तीन फीसद सीटें आरक्षित हैं। विगत वर्ष डीयू में दाखिला लेने वाले छात्रों की कुल संख्या 78,626 थी। जबकि सभी कोर्स मिलाकर सीटों की कुल संख्या 74738 है। इस संबंध में डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि छात्रों के लिए हॉस्टल न होना एक गंभीर मसला है। इसे सामाजिक जिम्मेदारी के तौर पर लेने की आवश्यकता है। सभी छात्रों को हॉस्टल मिले यह कठिन है, लेकिन अधिक से अधिक जरूरतमंद छात्रों को हॉस्टल मिले इसके लिए प्रयास किया जा सकता है। छात्रों के आवास के अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रहे प्रवीण कुमार का कहना है कि विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 33 के अंतर्गत यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को हॉस्टल की सुविधा देने की जिम्मेदारी डीयू प्रशासन की है। उन्होंने कहा, हमने पूर्व कुलपति और अब वर्तमान कुलपति से मांग की है कि विश्वविद्यालय सीमित हॉस्टल की सुविधा का विस्तार करे। ताकि हॉस्टल की समस्या से परेशान गरीब छात्र बिना अपने परिवार पर बोझ बने डीयू में अध्ययन कर पाएं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार से भी मांग है कि वो विद्यार्थियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए दिल्ली रूम रेंट कंट्रोल एक्ट को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करे। जिससे मकान मालिकों की मनमानी पर रोक लग सके।

डीयू के हॉस्टल वाले कॉलेज और उनमें सीटों की संख्या

-दौलतराम कॉलेज फॉर वुमेन-203

-हंसराज कॉलेज-198

-¨हदू कॉलेज -182

-इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमेन-370

-किरोड़ीमल कॉलेज-180

-मिरांडा हाउस-366

-रामजस कॉलेज-80 लड़कियों के लिए, 130 लड़कों के लिए

-लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमेन-295

-श्री वेंकटेश्वर कॉलेज-72 लड़कियों के लिए, 72 लड़कों के लिए

-श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स-53 लड़कियों के लिए, 150 लड़कों के लिए

-इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हॉस्टल फॉर वुमेन-19

-एसजीटीबी खालसा कॉलेज-147

-इंटरनेशनल स्टूडेंट्स हाउस-30

-केशव महाविद्यालय-78

-महाराजा अग्रसेन कॉलेज-केवल लड़कियों के लिए 78 सीट

-शहीद राजगुरु कॉलेज फॉर अप्लायड साइंसेज फॉर वुमेन-119

-अंडर ग्रेजुएट हॉस्टल फॉर ग‌र्ल्स-119

-¨हदू कॉलेज में लड़कियों के लिए बन रहे हॉस्टल में अभी सीटें आवंटित नहीं हुई हैं।

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दिल्ली के बाहर के छात्रों को हॉस्टल की सुविधा मिलनी चाहिए। हमने इस संबंध में लड़कियों के लिए 100 कमरों के हॉस्टल के लिए प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद है कि यूजीसी इस पर विचार करेगा।

डॉ.ज्ञानतोष झा (प्रिंसिपल एआरएसडी कॉलेज)

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हमारा कॉलेज अभी नया है। हम शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन का निर्माण करा रहे हैं, लेकिन हॉस्टल छात्रों की महत्वपूर्ण जरूरत है और इसके लिए हम प्रयासरत हैं।

डॉ.मनोज सिंहा (प्रिंसिपल, आर्यभट्ट कॉलेज)

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