जेएनयू एक सफल प्रयोग है: प्रो.योगेंद्र ¨सह
जागरण संवाददाता,नई दिल्ली: जयप्रकाश फाउंडेशन और स्टूडेंट्स फ्रंट फॉर स्वराज के संयुक्त तत्वावधान म
By Edited By: Updated: Sat, 11 Feb 2017 11:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता,नई दिल्ली:
जयप्रकाश फाउंडेशन और स्टूडेंट्स फ्रंट फॉर स्वराज के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्र को जेएनयू का योगदान विषय पर व्याख्यान श्रंखला के तहत शनिवार को समाजशास्त्री प्रो. योगेन्द्र ¨सह ने अपने विचार व्यक्त किए। जेएनयू के बनने की कहानी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में जेएनयू एक सफल प्रयोग है। विभिन्न सामाजिक पहचानों के बीच अच्छा समन्वय, सबकी भागीदारी जेएनयू को विशिष्ट बनाती है। ¨लग, नस्ल, जाति, भाषा आदि के आधार पर यहां भेद नहीं है और सबकी उपस्थिति रही है। जेएनयू का समाज-विज्ञानी शोध के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. आर. के. काले ने कहा कि यह जेएनयू के योगदान का ही परिणाम है कि जब यूजीसी ने सभी राज्यों में केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने की योजना बनाई और उसको अमल में लाया गया तो उसका आदर्श जेएनयू था। हमने सबसे पहले सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जिसे बाद में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों ने अपनाया। जेएनयू शिक्षा के बुनियादी लक्ष्यों सबको शिक्षा, स्तरीय शिक्षा और समतामूलक शिक्षा को अमल में लाने के आदर्श उदाहरण हैं। जेएनयू ने साबित कर दिया कि वैविध्य क्षमताओं को घटाता नहीं, बढ़ाता है। कार्यक्रम की शुरूआत में समाजशास्त्री प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि जेएनयू की प्रासंगिकता और इस पर उठाये गए सवालों की आत्मसमीक्षा के अवसर के रूप में यह शुरूआत है। इसी दौरान हमारे राष्ट्रपति ने इसे सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय के नाते पुरस्कृत कर इस प्रक्रिया को और मूल्यवान बनाया है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रमोद यादव ने किया और धन्यवाद डा. गंगा सहाय मीणा ने किया।
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