फरवरी माह में 15 दिन के लिए सबसे साफ होगी दिल्ली की हवा, प्लान तैयार
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर संसद के बजट सत्र यानि 9 फरवरी के बाद दिल्ली में दो सप्ताह तक एक विशेष अभियान चलाए जाने की तैयारी है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदूषित हवा से त्रस्त दिल्ली को राहत मिलने वाली है। फरवरी माह में 15 दिन के लिए ही सही, दिल्लीवासी खुलकर साफ हवा में सांस ले सकेंगे। इस दौरान यहां की हवा वायु प्रदूषण से लगभग मुक्त होगी।
यह है योजना
दरअसल, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर संसद के बजट सत्र यानि 9 फरवरी के बाद दिल्ली में दो सप्ताह तक एक विशेष अभियान चलाए जाने की तैयारी है। इस अभियान के तहत युद्ध स्तरीय प्रयासों एवं ठोस उपायों से दिल्ली की हवा को प्रदूषण के न्यूनतम स्तर तक लाया जाएगा। इसके बाद 'वी कैन डू इट - हम ऐसा कर सकते हैं' संदेश के साथ दिल्ली की जनता और अधिकारियों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ऐसी स्वच्छ हवा वर्ष भर हो सकती है।
योजना के तहत होगा कुछ ऐसा
इसके तहत दो स्तरीय रणनीति बनाई गई है- अवेयरनेस (जागरूकता) एवं इंफोर्समेंट (सख्ती)। मतलब, रेडियो एफएम, पोस्टर-होर्डिंग, कार्यशाला, व्याख्यान, बैठकों के जरिए जहां हर स्तर पर जागरूकता फैलाने का काम किया जाएगा। वहीं ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यह चल रही तैयारी
केंद्र और दिल्ली सरकार के लगभग 70 अधिकारियों की 11 टीमें बनाई जा रही हैं। इन टीमों मेें दिल्ली के विभिन्न इलाकों का वर्गीकरण किया जाएगा। हर टीम को अपने इलाके में प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाए रखना होगा। आरडब्ल्यूए स्तर तक जन जागरूकता भी करनी होगी। जबकि मार्शल नियमों के उल्लंघन की दिशा में ठोस कार्रवाई करेंगे। मसलन, अगर कहीं कूड़ा जलते पाया गया तो तत्काल ही चालान काटा जाएगा।
स्थानीय निकायों को भी प्रशिक्षण
नीचे के स्तर पर प्रदूषण मुक्त माहौल बनाए रखने और नियमों के उल्लंघन की दिशा में कार्रवाई की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों यानि नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद एवं दिल्ली छावनी बोर्ड की बनती है। सीपीसीबी इन्हें कार्यशालाओं के जरिए प्रशिक्षित करेगा। उन्हें सिखाया जाएगा कि किस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाएं।
व्यापक स्तर पर अभियान की तैयारी
सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए. सुधाकर का कहना है कि पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के दिशा निर्देशन में यह एक ट्रायल प्रोजेक्ट है। पहली बार जन भागीदारी के साथ यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर हम 15 दिन दिल्ली की हवा को स्वच्छ रख सकते हैं तो फिर साल भर क्यों नहीं। अभियान के लिए तैयारी व्यापक स्तर पर चल रही है। तिथि बजट सत्र खत्म होने पर फाइनल की जाएगी।
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