..उन्हें कैसे मिलेगी जन्नत, जिन्हें बच्चियां अच्छी नहीं लगतीं
मां की परछाई पापा की परी होती हैं बेटियां, जिस घर के आंगन में होती हैं बेटियां, उस घर में खुशियों की कमी नहीं होती।
नई दिल्ली [जेएनएन]। खुदा भी याद आता है जरूरत पे यहां सबको, दुनिया की यही खुदगर्जियां अच्छी नहीं लगतीं, उन्हें कैसे मिलेगी मां के पैरो के तले जन्नत, जिन्हें अपने घरों में बच्चियां अच्छी नहीं लगतीं। मां की परछाई पापा की परी होती हैं बेटियां, जिस घर के आंगन में होती हैं बेटियां, उस घर में खुशियों की कमी नहीं होती।
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम
पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी कुलानंद जोशी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम के दौरान कुछ तरह लोगों को जागरूक किया। वह पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन की ओर से त्रिलोकपुरी स्थित अंबेडकर खेल परिसर में बेटी सशक्त अभियान विषय पर आयोजित बेटी उत्सव में पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में कई सामाजिक संगठनों ने हिस्सा लिया।
स्किल इंडिया को भी बढ़ावा
'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के संदेश के साथ कई स्टॉल भी लगाए गए थे। डीएलएसए पूर्वी की ओर से कानूनी जागरूकता स्टॉल लगाया गया। इसके माध्यम से स्किल इंडिया को भी बढ़ावा दिया गया। इसमें मुख्य अतिथि उत्तरी जिले की जिलाधिकारी साक्षी मित्तल व इरा सिंघल और विशिष्ठ अतिथि अलीपुर सब डिविजन की एसडीएम डॉ. सुरभि सिंह रहीं।
कार्यक्रम में दिव्यांग युवती शिक्षा को उनके कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर अतिरिक्त जिलाधिकारी रजनीश सिंह, एसडीएम गांधी नगर टीसी शर्मा, एसडीएम संदीप दत्ता, जिले की प्रोजेक्ट हेड अंजलि दिवाकर भी मौजूद रहीं।
इज्जत और शान है बेटियां
एसडीएम प्रीत विहार व कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अरुण गुप्ता ने कहा कि एक पढ़ी-लिखी बेटी एक आदर्श भविष्य की निर्माता होती है। आपकी बेटी आपकी इज्जत और शान है। उसे अच्छे-बुरे का ज्ञान दें। एसडीएम अजय अरोड़ा ने भी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान को सफल बनाने की अपील की।
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