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हमारी दिल्ली में आ जाए 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप तो मच जाएगी तबाही

देश की राजधानी दिल्ली में 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप आए तो राष्ट्रीय राजधानी में तबाही मच सकती है।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Wed, 31 Jan 2018 03:45 PM (IST)
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हमारी दिल्ली में आ जाए 6 से ज्यादा तीव्रता का भूकंप तो मच जाएगी तबाही

v style="text-align: justify;">नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में तमाम इलाकों में बुधवार सुबह करीब 12.35 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई है, वहीं भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वत श्रंखलाओं में था। पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस भूंकप की वजह से 1 लड़की की मौत हो गई, जबकि 9 लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि यह भूकंप कम तीव्रता का था और इसका केंद्र भी देश की राजधानी दिल्ली से सैंकड़ों किलोमीटर दूर अफगानिस्तान में था। लेकिन दिल्ली में ऐसा भूकंप आए तो राष्ट्रीय राजधानी में तबाही मच सकती है।

हम दिल्ली की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि दिल्ली भूकंप संभावित क्षेत्र में आती है। इस भूकंप ने पिछले साल 19 सितंबर को मेक्सिको में आए 7.1 एक तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप की याद दिला दी। मैक्सिको के भूकंप में सैंकड़ों लोगों की जान चली गई थी। ज्ञात हो कि 1985 के बाद मेक्सिको में आया यह सबसे बड़ा भूकंप था। यहां हम बता दें कि हम मेक्सिको सिटी की तुलना दिल्ली से सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे हैं कि दोनों ही अपने-अपने देशों की राजधानियां हैं। बल्कि यह तुलना इसलिए भी कर रहे हैं कि यह दोनों शहर काफी कुछ एक जैसे भी हैं।

ऐसी समानताएं हैं दोनों शहरों में

दिल्ली और मेक्सिको सिटी दोनों ही शहरों का नाम दुनिया के बड़े शहरों में शुमार है। मेक्सिको सिटी जहां 1485 स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, वहीं दिल्ली का क्षेत्रफल 1484 स्क्वायर किमी है।

दिल्ली में दोगुनी जनसंख्या

दिल्ली और मेक्सिको सिटी दोनों का क्षेत्रफल जहां एक जैसा है। वहीं दोनों की जनसंख्या में जमीन आसमान का अंतर है। मेक्सिको सिटी की जनसंख्या (2015 में) 89 लाख से कुछ ज्यादा थी। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या एक करोड़ 67 लाख से ज्यादा थी जो 2016 तक आते-आते 1 करोड़ 90 लाख के आसपास पहुंच गई। यानी उतनी ही जगह पर दिल्ली में दोगुने से ज्यादा लोग रहते हैं।

लंदन से ज्यादा जनसंख्या घनत्व दिल्ली का

जनसंख्या घनत्व की बात करें तो मेक्सिको में जहां प्रति एक वर्ग किलोमीटर में 6000 लोग रहते हैं, वहीं दिल्ली में इतने ही क्षेत्रफल में 11,312 लोग निवास करते हैं। दुनिया के अन्य बड़े शहरों में से एक लंदन से तुलना की जाए तो लंदन का क्षेत्रफल 1572 स्क्वायर किमी है और 2016 तक जनसंख्या 87 लाख से कुछ ऊपर थी और यहां जनसंख्या घनत्व भी 5590 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। इस लिहाज से देखें तो दिल्ली में प्रति वर्ग किमी में काफी अधिक जनसंख्या रहती है।

दिल्ली के 80 फीसद लोग मारे जाएंगे

दिल्ली में रहने वाले टॉउन प्लानर सुधीर वोरा ने साल 2015 में नेपाल भूकंप के बाद कहा था कि 6 रिक्टर स्केल का भूकंप भारत को 70 फीसद तबाह कर सकता है। उन्होंने आगे कहा, 'अगर इस तीव्रता का भूकंप दिल्ली में आता है तो मुझे लगता है दिल्ली की 80 लाख जनसंख्या का सफाया हो जाएगा।'

क्यों है दिल्ली को ज्यादा खतरा

दिल्ली के बेतरतीब और बिना किसी प्लानिंग के विकास ने इसे एक जिंदा बम जैसा बना दिया है। राज्यों और केंद्र सरकार की अलग-अलग एजेंसियों ने रिस्क को लेकर एक अध्ययन किया है। इस अध्ययन के अनुसार दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों की मिट्टी अलग है। यमुना पार का (पूर्वी) इलाका रेतीली जमीन पर बसा है और यह हाईराइज बिल्डिंगों के लिए मुफीद नहीं है। जबकि मध्य दिल्ली के रिज इलाके को काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है।

श्मशान बन जाएगी दिल्ली

दिल्ली सरकार ने अपनी वेबसाइट http://delhi.gov.in पर अनऑथराइज कॉलोनियों की एक लिस्ट अपलोड की हुई है। वेबसाइट के अनुसार दिल्ली में करीब 895 अनधिकृत कॉलोनियां हैं। वेबसाइट पर इन कॉलोनियों के नाम के साथ ही उनका मैप भी दिया गया है। जैसा कि सभी जानते हैं, इन अनधिकृत कॉलोनियों में न तो मैप पास होते हैं और न ही लोग ऐसा करने की कोशिश ही करते हैं। ज्यादातर निर्माण भी बेतरतीब और बिना पिलर के होता है। यहां कि ज्यादातर बिल्डिंगें इंटों पर खड़ी हैं और यही बात चिंता का विषय है। जानकार मानते हैं कि 6 रिक्टर स्केल का भूकंप भी दिल्ली को श्मशान में बदल सकता है।

दिल्ली ही नहीं पूरा देश खतरे में

साल 2015 में आई एक रिपोर्ट में भारत के एक मशहूर भूकंप जानकार और एनडीएमए के सदस्य डॉ. हर्ष गुप्ता ने बताया था कि भारत के 344 शहर और नगर भूकंप के लिहाज से हाई रिस्क जोन-5 में रहते हैं। उन्होंने बताया था कि अगर 9 रिक्टर स्केल का कोई भूकंप आ जाए तो यह हिरोशिमा पर गिरे 27 हजार बमों के बराबर होगा। यही नहीं, इसके बाद सालों तक ऑफ्टर शॉक भी आते रहेंगे। 

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