दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए केंद्र ने दिए 659 करोड़, केजरीवाल सरकार ने लगाया है 'ब्रेक'
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जल्द ही प्रदेश के बजट में इसके लिए बजट आवंटन के संकेत दे दिए हैं।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। अभी तक कछुआ गति से चल रहा दिल्ली मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर कार्य अब तेजी से रफ्तार भरेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में 659 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जल्द ही प्रदेश के बजट में इसके लिए बजट आवंटन के संकेत दे दिए हैं।
ऐसे में कंसलटेंट नियुक्ति और जन सुविधाएं स्थानांतरित करने (यूटीलिटीज शिफ्टिंग) की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाने के आसार हैं।
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के मुताबिक, 90 किलोमीटर लंबे और 32 हजार करोड़ की अनुमानित लागत वाले इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य जुलाई 2018 में शुरू किया जाना है। तभी यह दो चरणों में अगले साढ़े पांच साल में पूरा हो पाएगा।
समस्या यह है कि इस परियोजना में पांच हजार करोड़ के हिस्से वाली उत्तर प्रदेश सरकार व छह हजार करोड़ के हिस्से वाली केंद्र सरकार तो बहुत पहले ही अपनी स्वीकृति दे चुकी है, जबकि एक हजार करोड के शेयर वाली दिल्ली सरकार इसे सवा साल से लटकाए हुए है।
बजट के रूप में अभी तक एनसीआर परिवहन निगम को कहीं से भी कुछ नहीं मिला था। आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि निगम प्रमुख निर्माण कंपनियों के साथ कॉरिडोर के निर्माण में साझीदार बनने के लिए बैठक पहले ही कर चुका है।
साथ ही परियोजना की टेंडर प्रक्रिया को लेकर कागजी कार्य भी शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश की ओर से स्पष्ट संकेत मिल गया है कि वित्त वर्ष 2018-2019 के बजट में उनकी ओर से इस बाबत बजट आवंटित कर दिया जाएगा।
परियोजना के लिए 20 हजार करोड़ का ऋण भी लिया जाना है। सूत्र बताते हैं कि अगर जुलाई 2018 में काम शुरू होगा, तभी साढ़े पांच वर्ष में परियोजना क्रियान्वित हो पाएगी।