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मानहानि केस में दिल्ली HC का निर्देश, 12 फरवरी तक जिरह पूरी करें केजरीवाल

केजरीवाल को अरुण जेटली से जिरह करने का पर्याप्त मौका दिया गया है। ऐसे में यह अनिवार्य है कि बचाव पक्ष अपनी जिरह को 12 फरवरी तक पूरी करे।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 03 Feb 2018 08:04 AM (IST)
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मानहानि केस में दिल्ली HC का निर्देश, 12 फरवरी तक जिरह पूरी करें केजरीवाल

नई दिल्ली [जेएनएन]। वित्त मंत्री द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया है कि वह 12 फरवरी तक केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से जिरह पूरी कर लें। जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के 5 अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है।

बचाव पक्ष अपनी जिरह को 12 फरवरी तक पूरी करे

सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट संयुक्त रजिस्ट्रार राकेश पंडित ने कहा कि सभी दस्तावेजों को पढ़ने के बाद पता चला कि वित्त मंत्री से आठ अलग-अलग तारीखों पर जिरह के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से 250 से अधिक सवाल पूछे गए। मैं समझता हूं कि केजरीवाल को अरुण जेटली से जिरह करने का पर्याप्त मौका दिया गया है। ऐसे में यह अनिवार्य है कि बचाव पक्ष अपनी जिरह को 12 फरवरी तक पूरी करे। इसके बाद उन्हें कोई मौका नहीं दिया जाएगा। कोर्ट के बाहर केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने पत्रकारों को बताया कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे। 

जेटली के कार्यकाल में हुआ भ्रष्टाचार

गौरतलब है कि अरुण जेटली 2000 से 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि जेटली के कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ था। जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस मुकदमे में केजरीवाल के अलावा 'आप' नेता राघव चढ्डा, कुमार विश्र्वास, आशुतोष, संजय सिह और दीपक बाजपेयी का भी नाम है। 

मिले थे जेटली और केजरीवाल 

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच तल्ख रिश्ते होने के बावजूद दोनों नेता कुछ दिन पहले मिले थे। दरअसल, दिल्ली के सीएम की तरफ से मशहूर फाइव सेंसेज गार्डन में डिनर का आयोजन किया गया था, जिसमें जेटली भी शामिल हुए। इस दौरान दोनों एक ही सोफे पर बैठे नजर आए। सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हुई थी। 

कोर्ट ने लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना 

गौरतलब है कि इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष पर अरुण जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पटरी से उतारने की कोशिश के आरोप में 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। आशुतोष की याचिका को खारिज करते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने कहा कि 'आप' नेता का आवेदन सुनवाई को पटरी से उतारने का एक प्रयास और अदालत के समय की बर्बादी है। न तो याचिकाकर्ता और न ही उसके आधिवक्ता के बारे में कहा जा सकता है कि उन्हें अग्रेजी भाषा में समस्या है।

याची अंग्रेजी की किताब के लेखक हैं

कोर्ट ने यह भी कहा था कि याची एक अंग्रेजी की किताब के लेखक हैं और उन्हें आए दिन टीवी चैनलों पर अंग्रेजी में साक्षात्कार देते हुए देखा जा सकता है। कोर्ट ने यह भी पाया था कि तकनीकी समस्याओं को देखते हुए हिंदी में सबूत को रिकॉर्ड करना भी संभव नहीं है क्योंकि कम्प्यूटर अंग्रेजी भाषा को ही सपोर्ट करता है। 

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