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इंदौर से आ रहे विमान के पायलट ने देखी लेजर लाइट, सूझबूझ से लिया काम

विमान एयरपोर्ट से करीब चार नॉटिकल मील की दूरी पर था। इसी दौरान पायलट विनीत गुप्ता ने रनवे के समीप लेजर लाइट जलते देखी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Mon, 05 Feb 2018 09:15 AM (IST)
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इंदौर से आ रहे विमान के पायलट ने देखी लेजर लाइट, सूझबूझ से लिया काम

नई दिल्ली [जेएनएन]। प्रतिबंध के बावजूद आइजीआइ एयरपोर्ट क्षेत्र में लेजर लाइट के प्रयोग की घटना रुकने का नाम नहीं ले रही है। इंदौर से दिल्ली आ रहे जेट एयरवेज के पायलट ने एयरपोर्ट क्षेत्र में फिर लेजर लाइट देखी। पायलट की सूचना पर आइजीआइ एयरपोर्ट थाना पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पायलट ने देखी लेजर लाइट

पुलिस के मुताबिक घटना बृहस्पतिवार रात की है। जेट एयरवेज की फ्लाइट संख्या 9डब्लू-2266 इंदौर से दिल्ली आ रही थी। विमान को आइजीआइ एयरपोर्ट स्थित रनवे संख्या 29 पर उतरना था। विमान एयरपोर्ट से करीब चार नॉटिकल मील की दूरी पर था। इसी दौरान पायलट विनीत गुप्ता ने रनवे के समीप लेजर लाइट जलते देखी। सतर्क पायलट ने विमान को एयरपोर्ट पर सुरक्षित उतारकर इसकी सूचना अधिकारियों को दी। प्रतिबंधित क्षेत्र में लेजर लाइट जलाने व ड्रोन उड़ाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। 

पायलट पहले भी कर चुके हैं शिकायत 

एयरपोर्ट पर लेजर लाइट दिखने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में मुंबई से आ रहे गो एयर के पायलट ने आइजीआइ एयरपोर्ट से करीब दो नॉटिकल मील की दूरी पर लेजर लाइट देखी थी। रनवे पर उतरने के बाद पायलट ने इसकी सूचना एयरपोर्ट स्थित कंट्रोल रुम को दी थी जिसके बाद आइजीआइ डोमेस्टिक एयरपोर्ट थाना पुलिस ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज कर लिया था। विमानन विशेषज्ञ के मुताबिक लेजर लाइट भी काफी खतरनाक होती है। इनकी रोशनी पायलट की आंखों को परेशान करती है। इस स्थिति में दिशा भटक कर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है।

पहले भी देखे जा चुके हैं ड्रोन

आइजीआइ एयरपोर्ट पर ड्रोन देखे जाने की घटनाएं भी हो चुकी हैं। 27 अक्टूबर 2015 को एयरपोर्ट पर ड्रोन देखा गया था। इसकी जानकारी एयरफोर्स ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) व अन्य एजेंसियों को दी थी। इसके दो दिन बाद 29 अक्टूबर को एयरफोर्स के एक जवान ने एयरपोर्ट से 9 नॉटिकल मील दूर ड्रोन देखा था। एटीसी के रडार ने भी इसे रिकॉर्ड किया था। बाद में इनका कोई पता नहीं चल सका था, लेकिन इससे सबक लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों को सचेत जरूर कर दिया गया था। 

इस घटना के बाद भी एयरपोर्ट पर वर्ष 2015 में 44 और वर्ष 2016 में मध्य मार्च तक कुल 60 संदिग्ध फ्लाइंग ऑबजेक्ट (उड़ने वाली वस्तुएं) देखे जा चुके हैं। एयरपोर्ट क्षेत्र में अक्सर लेजर लाइट देखे जाने की घटनाएं भी होती रहती हैैं। वर्ष में औसतन इनकी संख्या 24 है। 

ड्रोन देखे जाने की घटनाएं

27 अक्टूबर 2015- एयर फोर्स के एक अधिकारी ने एयरपोर्ट क्षेत्र में ड्रोन देखा था। ड्रोन पालम गांव की तरफ से आया था और रेडिसन होटल की ओर कहीं लापता हो गया था।

29 अक्टूबर 2015 - एयर फोर्स के जवान ने एयरपोर्ट से 9 नॉटिकल मील दूर ड्रोन को उड़ान भरते देख इसकी सूचना सुरक्षा एजेसियों को दी थी।

लेजर लाइट देखे जाने की घटनाएं

1- 19 जुलाई 2017 - मुंबई से आ रहे गो एयर विमान के पायलट ने देखी थी लेजर लाइट।

2- 12 जुलाई 2017 - बेंगलुरु से आ रहे एयर इंडिया के पायलट ने भी लेजर लाइट देखे जाने की शिकायत पुलिस में की थी।

3- 5 जुलाई 2017 - शारजाह से आ रही फ्लाइट के पायलट ने लेजर लाइट देखी थी।

4- 25 मई 2017 - हांगकांग जाने वाली फ्लाइट के पायलट ने उड़ान भरने के बाद लेजर लाइट देखी।

5- 6 मई 2017 - एक दिन में दो बार इंडिगो और विस्तारा एयरलाइंस के पायलट ने लेजर लाइट देखी थी।

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