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जानिए, गौरी की कृपा से हजारों कोस घूमकर आई दुष्कर्म पीडि़ता मुन्‍ना के चंगुल से कैसे छूटी

एक गौरी नामक महिला ने उसको इस नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाई। आइए जानते हैं पीडि़ता के जुल्‍म की दास्‍तां।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sun, 04 Feb 2018 03:18 PM (IST)
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जानिए, गौरी की कृपा से हजारों कोस घूमकर आई दुष्कर्म पीडि़ता मुन्‍ना के चंगुल से कैसे छूटी

नोएडा [ जेएनएन ]। यह कहानी झारखंड के कोडरमा जिले की एक नाबालिग लड़की है। जीवनयापन के लिए वह नोएडा में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। यहां उसकी मुलाकात बिहार के रहने वाले मुन्‍ना यादव से हुई। इस मुन्‍ना ने उसके पूरे जीवन को झकझोर दिया। इस शख्‍स ने उसके जीवन को नरकीय बना दिया। लेकिन एक गौरी नामक महिला ने उसको इस नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाई। आइए जानते हैं पीडि़ता के जुल्‍म की दास्‍तां। गौरी कैसे डूबते के लिए तिनके का सहारा बन गई।

पीडि़ता की जुबानी

पीडि़ता के मुताबिक, वह नोएडा में एक घर में काम करती थी। एक दिन मालकिन का कुछ सामान खरीदने वह बाजार में निकली। इसी दौरान जगमोहन यादव के पुत्र मुन्ना यादव ने शादी की नीयत से उसे अगवा कर उसके साथ जुल्‍म ढाए और सामूहिक दुष्‍कर्म किया। उसे कठोर यातनाएं दी गईं।

उसे पूर्वी दिल्ली में मुन्ना ने अलग-अलग जगहों पर कैद कर रखा। फिर उसे पूर्वी चंपारण जिले के शंभूगंज स्थित अपने गांव ले आया तथा शादी के लिए दबाव बनाने लगा। इन्कार करने पर मुन्ना के भाई व अन्य ने उसके साथ मारपीट की।

इसी दौरान मुन्ना के दो भाई और पिता ने भी उससे दुष्कर्म किया। पीडि़ता ने कहा कि दूसरे व्यक्ति से शादी कराने की नीयत से मेरा आधार कार्ड बनाने के लिए मुन्ना मुझे कल्याणपुर लेकर लाया था। मैंने शोर मचाया तो वह भाग निकला। मुझे रोता देख प्राथमिक विद्यालय में भोजन बनानेवाली रसोइया गौरी देवी की नजर हम पर पड़ी।

मुझे रोता देख प्राथमिक विद्यालय में भोजन बनानेवाली रसोइया गौरी देवी ने थाने पहुंचाया। इधर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार तिवारी ने बताया कि पीडि़ता का बयान दर्ज कर लिया गया है। उसके परिजन को भी सूचना दे दी गई है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

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