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आंदोलन से पहले गरजे अन्ना, बोले- हमें जेल में डालने के बाद सरकार का पतन निश्चित

अन्ना ने कहा कि जेल जाना हमारे लिए अलंकार के समान है और यही हमारे लिए पद्म श्री पदम विभूषण भी है।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 05 Feb 2018 09:13 AM (IST)
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आंदोलन से पहले गरजे अन्ना, बोले- हमें जेल में डालने के बाद सरकार का पतन निश्चित

फरीदाबाद (जेएनएन)। अगले महीने 23 मार्च से दिल्ली में शुरू हो रहे आंदोलन से पहले समाजसेवी अन्ना हजारे ने हुंकार भरी है। फरीदाबाद में किसानों के आंदोलन में शिरकत करने के दौरान उन्होंने कहा कि हम अगले 23 मार्च से फिर से रामलीला मैदान में धरने पर बैठेंगे। हमारा आंदोलन किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ होगा।

अन्ना हजारे ने कहा कि सरकार हमें जेल में डालना चाहे तो डाल दे हम जेल जाने से डरने वाले नहीं और जेल जाने के बाद सरकार का पतन निश्चित है। उन्होंने कहा कि हम पहले दो बार जेल में गए तो महाराष्ट्र की सरकार गिर गई और एक बार मनमोहन सिंह की केंद्र में सरकार का पतन हो गया। प्रधानमंत्री बनने से पूर्व नरेंद्र मोदी द्वारा सरकार आने पर काला धन वापस लाने और हर भारतीय के खाते में 1500000 रुपये डालने का वादा पुराना होने पर भी कटाक्ष किया।

अपने संबोधन के दौरान बजट में अरुण जेटली द्वारा किसानों को डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा उन्होंने कि उन्हें पहले नीति आयोग से बात करनी चाहिए थी, तभी इस बात को बजट में शामिल करना था।

अन्ना ने कहा कि क्या भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने मां मातृभूमि की रक्षा करते हुए इसीलिए कुर्बानियां दी थीं कि देश की आने वाली पीढ़ी अपना वोट शराब की बोतल लेकर बेच दे।

उन्होंने कहा की जनता इस देश की मालिक है और अफसर व नेता नौकर हैं। मालिक जब सो जाता है तभी उसके घर की तिजोरी पर डाका पड़ता है। अपनी बात आगे बढ़ाते हुए अन्ना हजारे ने कहा कि आज मालिक सो गया है और इसीलिए अफसर व नेता लूटने में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार जब उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर सकती है, तो फिर देश की माटी की सेवा करने वाले और देश के लिए अनु गाने वाले खून पसीना बहाने वाले किसानों का कर्जा माफ करने में उन्हें क्या परेशानी है?

बता दें कि समाजसेवी अन्ना हजारे रविवार को दोपहर 12:30 बजे फरीदाबाद के आईएमटी चंदावली में पहुंचे। यहां पर उन्होंने किसानों के आंदोलन में हिस्सा लिया। किसानों की मांग है कि हरियाणा सरकार उनके करीब 600 करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं दे रही है, जबकि आईएमटी में करीब पांच गांव की 1852 एकड़ जमीन ली गई है।

गौरतलब है कि किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 1 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों के मुताबिक हरियाणा सरकार ने उनके एक सदस्य को नौकरी और एक प्लाट देने का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ है।

यह भी कहा अन्ना हजारे ने

- जेल जाना हमारे लिए अलंकार के समान है और यही हमारे लिए पद्म श्री पदम विभूषण है, सोना-चांदी हमारे लिए कुछ भी नहीं।

- कुछ लोग अपना बेशकीमती वोट 500 में और शराब की बोतल लेकर भेज देते हैं यही वोट की ताकत जनता पर अत्याचार करने वाली सरकार का तख्तापलट करने में सहायक साबित होता है।

-किसान 60 साल की उम्र पार कर चुका है और उसके घर में रोजगार के कोई साधन नहीं है तो उसे सरकार 5000 प्रतिमाह की पेंशन दे और 23 मार्च तक इस शर्त को मान लें।

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'मन की बात' की जगह दिल की बात करें और दिल की बात यह है कि जनता की पुनः सेवा करें।

- नितिन गडकरी उनके मित्र हैं और एक्सप्रेस वे से जुड़े किसानों की मांगों को उनके समक्ष रखेंगे अगर मित्र होने के नाते बात को मान जाते हैं तो ठीक नहीं तो हम शत्रु बनकर लड़ाई लड़ेंगे।

- शत्रु की परिभाषा यह नहीं है कि हम तलवार चलाएंगे या गोलियां जाएंगे बल्कि अहिंसात्मक तरीके से लड़ाई लड़ेंगे।

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