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कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत पर नाज, सेना ने कहा- हम नहीं कार्रवाई खुद बोलेगी

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ सेक्टर में बंकर उड़ाने वाले हथियारों और एंटी टैंक मिसाइल से हमला किया था, जिसमें कैप्टन कुंडू समेत चार जवान शहीद हो गए थे।

By Amit MishraEdited By: Updated: Tue, 06 Feb 2018 06:53 AM (IST)
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कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत पर नाज, सेना ने कहा- हम नहीं कार्रवाई खुद बोलेगी

गुरुग्राम [जेएनएन]। पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन में शहीद हुए भारतीय सेना के कैप्टन कपिल कुंडू का पार्थिव शरीर सोमवार शाम करीब 7 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंचा। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत व सेना के कई अफसरों ने तिंरगे में लिपटे कैप्टन के पार्थिव शरीर पर पुष्प च्रक अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कैप्टन के परिवार के सदस्य भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे जिनका रो-रोकर बुरा हाल था। कपिल के पार्थिव शरीर को उनके गांव रणसिका के लिए रवाना किया गया।

कार्रवाई खुद बोलेगी

इस बीच सेना की तरफ से कहा गया है कि भारत पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देता रहेगा और उसकी कार्रवाई खुद बोलेगी। उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरत चंद ने कहा कि सेना पाकिस्तान की गोलाबारी का माकूल जवाब दे रही है। 

पिता का छह साल पहले देहांत हो चुका है

पाकिस्तानी दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू चार दिन पहले ही पदोन्नत हुए थे। उनकी पदोन्नति की सूचना से परिवार में जश्न का माहौल था। रविवार देर रात उनके शहीद होने की सूचना पहुंची तो कुछ देर तक किसी को इस पर भरोसा ही नहीं हुआ। मूलरूप से पटौदी के गांव रणसिका निवासी 22 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू एक महीने पहले गांव आए थे। वे भाई में अकेले थे। उनकी दो बड़ी बहनें हैं। पिता लाला राम कुंडू का छह साल पहले देहांत हो चुका है।

सेना में जाने का सपना 

बचपन से ही कपिल का सपना सेना में अधिकारी और सर्वोच्च पद पर पहुंचने का था। अधिकारी बनने का सपना साकार हो गया लेकिन सर्वोच्च पद तक पहुचने का सपना अधूरा ही रह गया। अभी शादी नहीं हुई थी। वह फिलहाल शादी करना भी नहीं चाहते थे इसलिए परिवार के लोग कहीं बातचीत नहीं कर रहे थे। उनके चचेरे बड़े भाई तारीफ कुंडू कहते हैं कि 'सेना के प्रति उसका शुरू से ही आकर्षण था। वह हर पल सेना में ही जाने के बारे में सोचते रहते थे।

 

पूरा परिवार खुश था 

तारीफ कुंडू ने बताया कि सेना में शामिल होने के बाद उन्हें जितनी खुशी थी उससे अधिक खुशी परिवार के लोगों को थी। अपने काम के प्रति जबर्दस्त समर्पण की भावना उनमें थीं। वह देश के लिए बहुत कुछ करना चाहते थे। किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर अचानक क्या हो गया। ट्रेनिंग के बाद उनकी यह पहली पोस्टिंग थी।'

10 फरवरी को जन्मदिन था

पाकिस्तान की तरफ से किए गए हमले में शहीद हुए कैप्टन कपिल कुंडू का 10 फरवरी को जन्मदिन था। कपिल इस मौके पर घर आने वाले थे। कपिल की मां ने कहा कि बेटे को खोने का दुख है, लेकिन वह देश के लिए शहीद हुआ इसका गर्व भी है। अगर और बेटे होते तो मैं उन्हें भी मोर्चे पर भेज देती। रविवार को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी और पुंछ सेक्टर में बंकर उड़ाने वाले हथियारों और एंटी टैंक मिसाइल से हमला किया था, जिसमें कैप्टन कुंडू समेत चार जवान शहीद हो गए थे।

कब तक देश के सपूत शहीद होते रहेंगे

शहीद परिवार कल्याण संगठन के अध्यक्ष डा. टीसी राव ने कहा कि देश के लिए शहीद होना गर्व की बात है लेकिन आखिर इस तरह कब तक देश के सपूत शहीद होते रहेंगे। लड़ाई के दौरान यदि शहादत होती है तो बात समझ में आती है। आए दिन सैनिक शहीद हो रहे हैं। इससे अच्छा है एक बार फिर पाकिस्तान से दो-दो हाथ कर लेना चाहिए। उसे सबक सिखाने की आवश्यकता है। बार-बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। घुसपैठ में कमी नहीं आ रही है। 

4 जवान हुए शहीद

रविवार को पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में गुरुग्राम के रणसिका गांव के कैप्टन कपिल कुंडू (22), ग्वालियर के राइफलमैन राम अवतार (27), जम्मू-कश्मीर के सांबा के हवलदार रोशनलाल (42) और जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के राइफलमैन शुभम सिंह (23) शहीद हो गए। हमले में दो अन्य जवान घायल भी हुए हैं।

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