देश में बढ़ते प्रदूषण पर SC नाराज, वकील की 'लापरवाही' पर कहा- कोर्ट कोई कचरा घर नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली देश का शक्ति केंद्र तो है, लेकिन रोल मॉडल नहीं हो सकता।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी दिल्ली देश का शक्ति केंद्र तो है, लेकिन रोल मॉडल नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि अगर दूसरे शहर दिल्ली की नकल करने लगेंगे तो पूरा देश भयंकर रूप से प्रदूषित होगा और हम यह नहीं चाहते।
अफसोस जताते हुए ये तीखी टिप्पणियां न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कचरा प्रबंधन के मामले में सुनवाई के दौरान कीं। जब न्यायमित्र कोलिन गोंजाल्विस ने कचरा प्रबंधन पर दिल्ली की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली ने जो कदम उठाए हैं, उसके लिए इसे देशभर के लिए मॉडल बनना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बिल्कुल नहीं।
बताते चलें कि यही पीठ दिल्ली में प्रदूषण के मसले पर भी सुनवाई कर रही है और प्रदूषण की रोकथाम के लिए कई दिशा निर्देश जारी कर चुकी है।
हलफनामे को बताया कचरा जैसा
22 राज्यों से कचरा प्रबंधन के बारे में प्राप्त ब्योरे को केंद्र ने 845 पेज का हलफनामा कोर्ट में पेश किया था। जब कोर्ट ने वकील से कुछ सवाल पूछे तो वह जवाब नहीं दे पाए और हलफनामे में तलाशने लगे। इस पर कोर्ट ने कहा कि इतने बड़े हलफनामे में मूल ब्योरा भी नहीं है। यह भी एक कचरे जैसा ही है।
आपको जो मिला, आपने कोर्ट में डाल दिया। ये कोई कचरा घर नहीं है। अगर आप इतना बड़ा हलफनामा दाखिल कर प्रभावित करने की कोशिश कर रहें तो हम इससे जरा भी प्रभावित नहीं हैं।
कोर्ट इसे स्वीकार नहीं करेगा। सरकार तीन सप्ताह में राज्यों से परामर्श करके बताए कि कचरा प्रबंधन नियम के तहत अब तक क्या काम हुए। एक चार्ट दाखिल कर कोर्ट को ब्योरा दें।
अगर लागू नहीं कर सकते तो नियम वापस ले लो
कोर्ट ने कचरा प्रबंधन नियमों पर जारी केंद्र की एडवाइजरी पर राज्यों द्वारा ध्यान न दिए जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर नियम लागू नहीं कर सकते तो सरकार उसे वापस ले ले। कोर्ट ने यह बात तब कही, जब केंद्र के वकील ने कहा कि सरकार ने नियमों के पालन के लिए राज्यों को एडवाइजरी जारी की है।