Move to Jagran APP

केजरीवाल के खिलाफ दो दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने मिलाया हाथ, AAP सरकार की बढ़ेगी मुश्किल

अजय माकन और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित इन दिनों केजरीवाल सरकार के कामकाज का हिसाब-किताब कर रहे हैं

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 08 Feb 2018 09:44 AM (IST)
Hero Image
केजरीवाल के खिलाफ दो दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने मिलाया हाथ, AAP सरकार की बढ़ेगी मुश्किल

नई दिल्ली (आशुतोष झा)। अपने विधायकों और मंत्रियों को लेकर मझधार में फंसे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर क्या करेंगे, इस पर अभी मंथन कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली की सत्ता में सर्वाधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता एक मंच पर आकर केजरीवाल सरकार की नीतियों की बखिया उधेड़ेंगे।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित एक साथ इन दिनों केजरीवाल सरकार के कामकाज का हिसाब-किताब कर रहे हैं और 14 फरवरी को जब आप सरकार तीन वर्ष पूरे करने का जश्न मना रही होगी, तभी दोनों वरिष्ठ नेता एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की कमजोर कड़ी पर चोट करेंगे।

वैसे कांग्रेस का पोल खोल अभियान 8 फरवरी से ही शुरू हो जाएगा। मंगलवार सुबह अजय माकन, प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी के साथ निजामुद्दीन स्थित शीला दीक्षित के आवास पर जाकर मुलाकात की। शीला दीक्षित से मुलाकात के बाद अजय माकन ने कहा कि दिल्ली में जितने भी विकास कार्य हुए हैं सबका श्रेय शीला दीक्षित को जाता है।

पार्टी उनके कार्यकाल के दौरान हुए कामकाज को दिखाकर ही दिल्ली में चुनाव लड़ेगी। अजय माकन ने कहा कि आप सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में दिल्ली का विकास तीन दशक पीछे चला गया है। बिजली बिल की सब्सिडी के नाम पर प्रतिवर्ष दिल्ली सरकार 2500 करोड़ रिलायंस और टाटा को दे रही है।

सब्सिडी का लाभ 30 फीसद लोगों को भी नहीं मिल रहा होगा, लेकिन दोनों कंपनियों को 85 से 93 फीसद उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के एवज में भुगतान किया जा रहा है। सर्दी में भी पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा में बेहतर काम करने के सरकारी दावे भी खोखले हैं।

सरकार सूचना के अधिकार के तहत मांगी जा रही जानकारी नहीं दे रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए दिल्ली सरकार ने वेबसाइट तक बंद कर दी और जब विरोध के बाद वेबसाइट शुरू की गई तो शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित कई आंकड़े हटा दिए गए।

यहां पर बता दें कि 14 फरवरी, 2015 से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी की सरकार आगामी 14 फरवरी को तीन साल पूरा करने जा रही है। जाहिर है केजरीवाल सरकार के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली के कई इलाकों में जश्न की तैयारी चल रही है, लेकिन, इस जश्न से ठीक पहले एक रिपोर्ट ने आम आदमी पार्टी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रातों की नींद छीन ली है।

जहां एक आम आदमी पार्टी 20 विधायकों की सदस्यता खत्म हो चुकी है, वहीं एक और खबर ने पार्टी नेताओं की नींद गायब कर दी है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कहा जा सकता है कि साल 2020 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत की संभावना न के बराबर है। दरअसल, संभावित 20 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के मद्देनजर AAP ने आंतरिक सर्वे करवाया है, जिसमें उसे सकारात्मक समर्थन मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसे में पार्टी का थिंक टैंक भी चिंतित है। बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एतिहासिक जीत दर्ज करते हुए दिल्ली की 70 विधानसभाओं में से 67 में जीत दर्ज की थी। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।