अंकित हत्याकांड: पिता बोले, मेरा बेटा तो चला गया, अब 100 अंकित तैयार करूंगा
यशपाल सक्सेना ने कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलानी होगी ताकि लोग किसी की जान लेने के बारे में सोचने से भी डरें। समाज में भी जागरुकता फैलाने की जरूरत है।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। प्रेम करने के जुर्म में अपनी जान गंवाने वाले अंकित के नाम पर अब ट्रस्ट बनाया जाएगा। भविष्य में किसी और अंकित के साथ ऐसा न हो, ट्रस्ट इसके लिए प्रयास करेगा। अंकित के पिता यशपाल सक्सेना बस यही दोहरा रहे हैं कि उनका बेटा तो चला गया लेकिन भविष्य में किसी के साथ अंकित जैसा सलूक नहीं होना चाहिए। इसके लिए कानून के साथ ही समाज को भी सतर्क रहना होगा।
समाज में भी जागरुकता फैलाने की जरूरत
यशपाल सक्सेना ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलानी होगी ताकि लोग किसी की जान लेने के बारे में सोचने से भी डरें। इसके अलावा समाज में भी जागरुकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, मेरा अंकित तो चला गया लेकिन इस ट्रस्ट के माध्यम से मैं 100 अंकित को अपने आस-पास रखूंगा।
आखिर यह डर क्यों
अंकित के पिता बताते हैं कि कई लोग डर के कारण दूसरों की मदद करने से बचते हैं। इस डर को दूर करना होगा। अंकित को जब मैं अस्पताल लेकर जा रहा था, तब मैंने कई लोगों से मदद की गुहार लगाई। लेकिन, मदद तो दूर उसे रिक्शे पर लिटाने के लिए भी कोई आगे नहीं आया। आखिर यह डर क्यों? पिता कहते हैं कि इस पत्थर दिल नगरी में जब युवती के पिता ने चाकू निकाला तो लगा कि अब कुछ लोग मदद को आगे आएंगे। लेकिन कोई नहीं आया और देखते ही देखते दो सेकेंड में मेरे बेटे का गला रेत दिया।
कोई आगे बढ़कर नहीं आया
यशपाल सक्सेना ने कहा कि अंकित के नीचे गिरते ही उसकी मां कमलेश उससे लिपट गई। उसने अपनी चुन्नी से अंकित के गले से निकल रहे खून को बंद करना चाहा। लेकिन जैसे ही उसने गले पर हाथ डाला उसकी अंगुलियां गले में हुए घाव के अंदर चली गईं। मैं भी उसे उठाने की कोशिश करने लगा। तभी रिक्शा बुलाया और अस्पताल ले गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस दौरान भी कोई आगे बढ़कर नहीं आया।
मां अभी भी सदमे में
अंकित की मां राममनोहर लोहिया अस्पताल से सोमवार को घर पहुंचीं हैं। वे अब तक गहरे सदमे में हैं। बेटे की तस्वीर देखकर गुमसुम रहती हैं। उधर, पिता भविष्य के बारे में सोचते हैं तो सामने अंधेरा छा जाता है। अंकित के पिता ने बताया कि दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन, रात में जैसे समय बीतता ही नहीं है। अंकित फोटोग्राफी करता था। घर में लगे उसके खींचे हुए फोटो उसकी जीवंतता को दर्शाते हैं। अब आखिरी ख्वाहिश यही है कि आरोपियों को फांसी के फंदे पर झूलता हुआ देखूं।
फिर पुराने कारोबार में लौटेंगे अंकित के पिताअंकित के पिता ने कहा कि परिवार के गुजारे के लिए वे फिर अपने पुराने कारोबार में लौटेंगे। पानी की टंकी भरने पर जो अलर्ट बेल बजता है, अंकित के पिता ऐसी ही बेल बनाने के कारोबार से जुड़े रहे हैं। अक्सर तबीयत खराब रहने के चलते अंकित ने ही उन्हें घर पर आराम करने को कहा था। लेकिन अब परिवार के गुजारे के लिए उन्हें फिर से पुराना काम शुरू करना होगा।
पीड़ित परिवार से मिले सीएम केजरीवाल
गौरतलब है कि अंकित की हत्या के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को परिजनों से मिलने रघुबीर नगर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अंकित के परिजनों को ढांढस बंधाया और इस घटना पर शोक व्यक्त किया। सीएम ने कहा कि दिल्ली सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर तरह से कानूनी सहायता उपलब्ध कराएगी। जब अंकित की मां की तबीयत ठीक नहीं होने की बात सामने आई तो उन्होंने कहा कि उनका बेहतर इलाज सरकार कराएगी।
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