डैडी, मैं आपका चूहा बोल रहा हूं...बेटे के इन शब्दों ने पिता में फिर डाल दी जान
मोबाइल लेते ही विहान ने कहा, डैडी मैं बोल रहा हूं...लेकिन उन्हें विश्वास नहीं हुआ। कहा कि तुम विहान नहीं हो। इस पर विहान ने प्यार भरे अंदाज में कहा, डैडी मैं आपका चूहा बोल रहा हूं...।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। हैलो डैडी...मैं आपका चूहा बोल रहा हूं..। जब यह आवाज पिता के कानों तक पहुंची तो आंखे छलक पड़ीं। पिता ने एक बार फिर वही वाक्य दोहराने को कहा तो बेटे ने उसी प्यार भरे अंदाज में उनके कानों को सुकून पहुंचाया। इन चंद शब्दों ने उस पिता में एक बार फिर से जान डाल दी, जिन्होंने बेटे के अपहरण के बाद जीने की उम्मीद ही छोड़ दी थी।
पिता को एक पल के लिए विश्वास नहीं हुआ
न्यू मॉडर्न शाहदरा में रहने वाले सन्नी गुप्ता के पास सोमवार रात करीब एक बजे डीसीपी राम नाइक का फोन आया। उन्होंने बताया कि आपके बेटे को मुक्त करा लिया गया है, लेकिन सन्नी गुप्ता को विश्वास नहीं हुआ तो उन्होंने विहान से बात कराने के लिए कहा।
डैडी मैं आपका चूहा बोल रहा हूं
मोबाइल लेते ही विहान ने कहा, डैडी मैं बोल रहा हूं...लेकिन उन्हें विश्वास नहीं हुआ। कहा कि तुम विहान नहीं हो। इस पर विहान ने प्यार भरे अंदाज में कहा, डैडी मैं आपका चूहा बोल रहा हूं...।तब जाकर सन्नी गुप्ता को सुकून मिला। यह बयां करते हुए सन्नी गुप्ता भावुक हो गए। चूंकि, विहान को पुलिस अस्पताल ले गई थी, इसलिए रात को फोन आते ही सभी लोग तुरंत अस्पताल पहुंच गए और जब विहान गोद में आया तो लगा सारा जहां मिल गया। माता-पिता उसे काफी देर तक चूमते रहे। विहान भी एक ही बात कह रहा था कि कभी मुझे अपने से दूर न होने दें।
खिड़की बंद करो, वरना बुरे अंकल फिर आ जाएंगे
सन्नी गुप्ता ने बताया कि घर में विहान को सब चूहे के नाम से पुकारते हैं। अपहरण के बाद के दिन परिवार के साथ-साथ विहान के लिए भी मुश्किल भरा रहा। यह घटना विहान के दिलोदिमाग में घर कर गई है। जब वह विहान को कार से अस्पताल से घर ला रहे थे। तब कार की खिड़की खुली थी। विहान एक ही बात कह रहा था कि खिड़की बंद करो, नहीं तो वही बुरे अंकल फिर से वापस आ जाएंगे।
दोषियों को मिले फांसी की सजा
बेटे को देखकर विहान की मां सीता गुप्ता की आंखो से खुशी के आंसू निकल रहे थे। उन्होंने बताया कि बेटे की जुदाई के बाद उन्होंने जिंदा लाश की तरह दिन गुजारे। दोषियो को फांसी की सजा होनी चाहिए, ताकि कोई मां अपने बच्चे के लिए फिर ऐसे नहीं तड़पे।
अपहरण से सदमे में था परिवार
विहान के दादा अशोक गुप्ता ने बताया कि अपहरण से परिवार गहरे सदमे में था। घर में न तो कोई खाना खा रहा था और न ही ठीक से पानी पी रहा था। विहान घर में सबका चहेता है।
मेरी दुकान से सामान लेने आता था नितिन
विहान के चाचा हनी गुप्ता ने बताया कि आरोपी नितिन अक्सर उनकी दुकान से सामान लेने के लिए आता था, लेकिन उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वह इस तरह की हरकत करेगा।
नितिन था मास्टरमाइंड
विहान के अपहरण की साजिश ढाबा चलाने वाले नितिन ने रची थी। परिवार का गोकलपुरी में करीब 30 साल पुराना ढाबा है। इसे उसके पिता ममराज ने शुरू किया था। ममराज कई साल पहले परिवार से अलग हो गए। इसके बाद नितिन अपने बड़े भाई नवीन के साथ ढाबा चलाता था। अपहरण में नितिन की गिरफ्तारी के बाद ढाबे पर सन्नाटा पसर गया। मंगलवार को ढाबा तो खुला, लेकिन कर्मचारी भी दहशत में थे। ग्राहक भी अन्य दिनों के मुकाबले काफी कम पहुंच रहे थे।
कर्ज में डूबा था नितिन
आसपास के लोगों ने बताया कि नितिन काफी कर्ज में डूबा था। संभव है कि इसी वजह से उसने अपहरण की साजिश रची होगी। स्थानीय लोगों के मुताबिक नितिन के पिता ममराज हलवाई का काम करते थे। बाद में उन्होंने एक छोटा सा ढाबा शुरू कर दिया। नवीन अपनी मां और परिवार के साथ यमुना विहार में रहता है, जबकि नितिन अपनी पत्नी के साथ गोकलपुरी गांव में रहने लगा।
यह थी पूरी घटना
राजधानी में हाई अलर्ट के बीच 25 जनवरी को बदमाशों ने स्कूल बस में घुसकर चालक को गोली मारकर चार साल के मासूम को अगवा कर लिया था। मामले की जांच के लिए स्थानीय पुलिस के साथ अपराध शाखा, स्पेशल सेल और कई जिले की पुलिस को जांच के लिए लगा दिया गया था। चार साल के विहान का परिवार 58, गली नंबर-तीन, कृष्ण मार्ग, न्यू मॉर्डन शाहदरा में रहता है। परिवार में माता-पिता, चाचा और दादा के अलावा एक सात साल की बहन है।
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