Exclusive: पाक को जवाब देने का आ गया है वक्त, जानें- क्या कहते हैं सेना के पूर्व जांबाज
पाकिस्तान जैसा देश शांति की भाषा समझना नहीं चाहता है। लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि अब युद्ध ही एकमात्र विकल्प है।
गुरुग्राम [जेएनएन]। सरहद पर कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत के बाद लोगों का गुस्सा चरम पर है। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का एलान कर दे, क्योंकि पाकिस्तान जैसा देश शांति की भाषा समझना नहीं चाहता है। लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि अब युद्ध ही एकमात्र विकल्प है जिससे पाकिस्तान को करारा सबक सिखाया जा सकता है।
कायदे से सबक सिखाना जरूरी है
युद्ध को लेकर आर्मी से रिटायर्ड अधिकारियों का कहना है कि ऐसी स्थिति में जनभावनाओं में उबाल उम्मीद से परे नहीं है। भला कोई अपने सैनिकों को बार-बार सीमाओं पर शहीद होते क्यों देखना चाहेगा। उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। मगर हर मामले का समाधान युद्ध से नहीं होता। युद्ध एक बड़ा फैसला है। इसका जब समय आएगा तो भारतीय सेना और सरकार इस मामले में निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम हैं। अभी इसका समय नहीं आया है, लेकिन उसे एक बार कायदे से सबक सिखाना जरूरी है।
ताबड़तोड़ हमला करना चाहिए
सेना के पूर्व अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में मौके पर जो ग्राउंड ऑफीसर मौजूद हैं उन्हें पता रहता है कि पाकिस्तान के किस सेक्टर से सबसे अधिक गोलाबारी हो रही है। ऐसे कुछ पाकिस्तानी क्षेत्रों की पहचान कर उन पर ताबड़तोड़ हमला करना चाहिए। जिससे उनकी चौकियां और बंकर पूरी तरह से तबाह हो जाएं। जिससे आने वाले समय में इस प्रकार की हरकत करने में पाकिस्तान सक्षम नहीं हो सके। अभी जो घटनाएं एलओसी के उस पार से हो रही हैं वह स्थानीय घटनाएं हैं। इसे लेकर युद्ध जैसा निर्णय नहीं लिया जा सकता है। हमारे वीर सैनिकों का शहीद होना बड़ा दुखद है।
शहादत से पूरा देश दुखी है
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ लोगों की नाराजगी पर पूर्व अधिकारियों का कहना है कि सैनिकों की शहादत से पूरा देश दुखी है। यही दुख सोशल मीडिया पर दिख रहा है। सरकार को लोगों की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए और पाकिस्तान को कड़ा संदेश व्यावहारिक स्तर पर देना चाहिए।
दबाव में है पाकिस्तान
रिटायर्ड कर्नल महावीर यादव ने कहा कि देश की सेना और सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में सक्षम है। युद्ध इन परिस्थितियों का हल नहीं है। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद दबाव में है। चीन को छोड़कर अमेरिका और अरब देश तक उसका साथ छोड़ चुके हैं। पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति काफी तनावपूर्ण है। ऐसे में वह इस प्रकार की कार्रवाई अपनी बौखलाहट में कर रहा है। सरकार को चाहिए कि एक बार पाकिस्तान को कड़ा सबक जरूर सिखाए।
जंग एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है
युद्ध जैसे फैसले को लेकर रिटायर्ड कर्नल जेके सिंह का कहना है कि जंग एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। इस प्रकार की स्थानीय घटनाओं को युद्ध के लिए मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है। सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान के उन सेक्टरों की पहचान करे जहां से सबसे अधिक गोलाबारी होती है। उसकी ऐसी चौकियों और बंकरों को पूरी तरह से तबाह कर देना चाहिए। जिससे कि भविष्य में वह इस प्रकार की नापाक हरकत करने में सक्षम नहीं हो सके।
पाक सरकार का सेना पर नियंत्रण नहीं
गौरतलब है कि सोमवार को दैनिक जागरण से बातचीत में पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एनसी विज ने कहा था कि पाक सरकार का उसकी सेना पर नियंत्रण नहीं है। सेना जो चाहती है वही करती है। साथ ही वहां की सरकार भी भरोसेमंद नहीं है। जिस तरह से पाकिस्तान की ओर से हमला किया गया, वह काफी गंभीर मामला है। तत्काल प्रभाव से केंद्र सरकार को पता लगाना चाहिए कि कहीं आतंकवादियों के हाथ तो मिसाइल नहीं लग गए। वहां की सेना आतंकियों को कुछ भी उपलब्ध कराने में मदद कर सकती है। इतनी सख्ती के बाद भी कश्मीर में घुसपैठ जारी रहना यह दर्शाता है कि पाक सेना हर स्तर पर आतंकवादियों की मदद कर रही है।
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