ISI के लिए जासूसी करने वाले IAF के ग्रुप कैप्टन को मिली 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी
स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार सुबह मुकदमा दर्ज कर अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। पिछले सप्ताह आठ फरवरी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने व उसको गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51) को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
बता दें कि पिछले सप्ताह जासूसी के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अरुण मारवाह को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अरुण मारवाह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
'लड़की' बनकर ISI का एक एजेंट अरुण मारवाह से करता था बात
सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले आइएसआइ के एक एजेंट ने लड़की बनकर अरुण मारवाह से संपर्क किया था। इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी। दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे। लड़की के रूप में पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद आइएसआइ एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेज की मांग की। आरोप है कि उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया करा दिए।
दस्तावेज लीक करने का बात सामने आई
इस बात की भनक लगते ही एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में मारवाह की जासूसी में संलिप्तता पाए जाने पर एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की। पटनायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल को इसकी जांच सौंप दी।
स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार सुबह मुकदमा दर्ज कर अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की अदालत में पेश कर उन्हें पांच दिन की रिमांड पर ले लिया था।
विस्तृत जांच में जुटी पुलिस
स्पेशल सेल ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया है। स्पेशल सेल उनसे पूछताछ कर लड़की बनकर भेंट करने वाले आइएसआइ एजेंट व कौन-कौन से गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया कराए गए हैं, इस बारे में पता लगा रही है।
वायुसेना के मुख्यालय में था तैनात अफसर
अधिकारी वायुसेना मुख्यालय में तैनात था। बताया जा रहा है कि वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया कि अधिकारी अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में लिप्त था।
10 दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया था फिर उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया था।
पहले भी हनीट्रैप में फंस चुके हैं भारतीय जवान
यह पहला मौका नहीं है कि जब सेना को कोई अधिकारी जासूसी में गिरफ्तार हुआ है। इससे पहले भी कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को जासूसी के आरोप में गिऱफ्तार किया गया था।
हनी ट्रैप का सहारा लेती रही है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI
बता दें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा लेती रही है। हैरानी की बात तो यह है कि भारतीय जवान आसानी से पाकिस्तान के इस जाल में फंस जाते हैं।