1962 के भारत-चीन युद्ध पर बन रही है फिल्म, जानिये- क्यों शहीद का भाई पहुंच गया HC
याचिकाकर्ता विजय की दलील है कि फिल्म की कहानी कॉपीराइट एक्ट और उनकी निजता का उल्लंघन है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने 1962 के भारत-चीन युद्ध में शहीद हुए सैनिक के भाई की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनसे पूछा कि जब कोई जीवनी प्रकाशित ही नहीं हुई है तो उस पर कॉपीराइट एक्ट कैसे लागू हो सकता है। मामले में अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति (भले ही वह युद्ध का हीरो हो) की जीवन गाथा पर कॉपीराइट एक्ट कैसे लागू हो सकता है जब वह प्रकाशित ही नहीं हुई हो।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की सुनी-सुनाई बातों पर अगर कोई फिल्म बना रहा है तो उस पर कॉपीराइट एक्ट कैसे लागू हो सकता है? याचिकाकर्ता विजय सिंह रावत को अगली सुनवाई में बताना होगा कि जीवन गाथा पर आधारित फिल्म नहीं बनाने की मांग करने का उनका क्या हक है?
बता दें कि मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित शहीद राइफलमैन जसवंत सिंह रावत की जीवन गाथा के आधार पर फिल्म बनाई जा रही है। उनके परिजन इस फिल्म के विरोध में है।
याचिकाकर्ता विजय की दलील है कि फिल्म की कहानी कॉपीराइट एक्ट और उनकी निजता का उल्लंघन है। याची का कहना है कि फिल्म बनाने के लिए न तो परिजनों की सहमति ली गई और न ही उन्हें या केंद्र सरकार को फिल्म की पटकथा दिखाई गई. जबकि सरकार ने पटकथा दिखाने को कहा था।