Move to Jagran APP

मनी लांड्रिंग केसः बढ़ सकती हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे की मुश्किलें, सीए गिरफ्तार

कार्ति चिदंबरम का नाम आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से विदेश निवेश की मंजूरी दिलाने के लिए पैसा लेने के मामले में आया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 17 Feb 2018 08:56 AM (IST)
Hero Image
मनी लांड्रिंग केसः बढ़ सकती हैं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे की मुश्किलें, सीए गिरफ्तार

नई दिल्ली (एजेंसी)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) एस. भास्कररमन को गिरफ्तार कर लिया। आईएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में यह कार्रवाई की गई है। वहीं, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीए को कोर्ट ने पांच दिन की रिमांड पर ईडी को सौंपा है।

दिल्ली के होटल से पकड़ा

भास्कररमन को शुक्रवार सुबह राजधानी दिल्ली की एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट में पेश किया गया। पूछताछ के लिए ईडी ने 14 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने पांच दिन की ही दी। ईडी के विशेषष सरकारी वकील नितेश राणा ने कोर्ट से कहा कि सीए को कई बार समन भेजे गए, लेकिन वह पेश नहीं हुए। वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।

विदेशी निवेश की मंजूरी में आया कार्ति का नाम

कार्ति चिदंबरम का नाम 2007 में आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से विदेश निवेश की मंजूरी दिलाने के लिए पैसा लेने के मामले में आया है। तब उनके पिता व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे। ईडी का दावा है कि सीए भास्कररमन ने कार्ती द्वारा कमाई गई भारी अवैध संपत्ति को भारत व विदेशों में ठिकाने लगाने में मदद की थी। इस दावे के समर्थन में कई गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं। ईडी ने कोर्ट में कहा कि महत्वपूर्ण सबूत व आवश्यक जानकारी जुटाने के लिए सीए की मौजूदगी में जांच जरूरी है। ये मामले से जुड़े खास लोगों को ही पता हैं।

चेन्नई में मारे गए छापे

ईडी ने इस मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ चेन्नई में शुक्रवार को तीन परिसरों में छापे मारे गए। कार्ती चिदंबरम से गुरवार को दिल्ली में 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी। ईडी ने पिछले साल मई में कार्ति व अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। यह केस एनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) के तहत दर्ज किया गया है, जो कि पुलिस एफआईआर के समतुल्य है।

इसमें कार्ति के अलावा सीबीआई शिकायत में उल्लेखित व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें आईएनएक्स मीडिया व उसके दो निदेशक पीटर व इंद्राणी मुखर्जी शामिल हैं।

सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम के मकानों व दफ्तरों पर भी छापे मारे थे। कार्ति पर आरोप है कि मुखर्जी के स्वामित्व वाले मीडिया समूह को कर मामले की जांच से बचाने के लिए पैसे लिए थे। हालांकि कार्ति ने इन सब आरोपों का खंडन किया है।

यह भी पढ़ेंः 11300 Cr Scam: नाम न लेकर भी केजरीवाल ने घोटाले के बहाने मोदी पर किया बड़ा हमला

यह भी पढ़ेंः AAP सांसद पर अंबानी ने किया 5000 करोड़ का दावा, जानें पार्टी ने दिया क्या जवाब

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।