दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सामने आई हैरान करने वाली बात, पंजाब से है इसका लिंक
दैनिक जागरण के साथ यह जानकारी द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीटयूट (टेरी) के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने साझा की।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। दिल्ली की आबोहवा में हरियाणा और पंजाब का चूल्हा भी जहर घोल रहा है। गांव देहात में आज भी बड़े पैमाने पर चूल्हे पर ही खाना बनाया जाता है और इसमें ईंधन स्वरूप लकड़ियां और गोबर के उपले जलाए जाते हैं। इनका धुआं हर रोज हवा के साथ दिल्ली पहुंचता है। इसी वजह से दिल्ली में एलर्जी व सांस के मरीज भी बढ़ रहे हैं। दैनिक जागरण के साथ यह जानकारी द एनर्जी एंड रिसर्च इंस्टीटयूट (टेरी) के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने साझा की।
विश्व सतत विकास सम्मेलन के अंतिम दिन उन्होंने खास बातचीत में बताया कि पराली तो साल में दो बार तभी जलाई जाती है, जब फसल कटती है जबकि दिल्ली की हवा रोजाना प्रदूषित होती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में डीजल चालित जेनरेटर सेट का उपयोग बहुत सीमित है, लेकिन पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में इनका धड़ल्ले से प्रयोग होता है।
दिल्ली की हवा को साफ करने के लिए उक्त दोनों चीजों पर भी प्रतिबंध लगाने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से बनानी होगी। डॉ. माथुर के मुताबिक दिल्ली जैसे शहरों में सड़कों की सफाई भी मशीनों से ही सुनिश्चित करनी होगी। धूल पर नियंत्रण करना बेहद जरूरी है।
दिल्ली व पड़ोसी राज्यों के हरित क्षेत्र पर भी ध्यान देना जरूरी हो गया है। हकीकत यह है कि घना वन क्षेत्र और निम्न स्तर का हरित क्षेत्र तो बढ़ रहा है किन्तु मध्यम स्तर पर यह घट रहा है अर्थात घास के मैदान बढ़ने से प्रदूषण नहीं घटेगा। कार्बन डाइऑक्साइड खींचने जबकि ऑक्सीजन छोड़ने वाले वृक्षों की संख्या में इजाफा करना होगा।
विदेश से सीखें, योजनाएं अपने स्तर पर बनाएं : सीके मिश्रा
इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क विषय पर केंद्रीय पर्यावरण सचिव सीके मिश्र ने कहा कि विश्व के अन्य शहरों से वायु प्रदूषण निपटाने का तरीका सीखें, लेकिन योजनाएं अपने अनुसार बनाएं। सम्मेलन के अंतिम दिन टेरी और फिजी सरकार के बीच प्रदूषण की समस्या पर एक करार भी हुआ। इस पर फिजी सरकार में आवास एवं पर्यावरण मंत्रलय की स्थानीय सरकार के स्थायी सचिव जोशुआ वाइक्लिफ व टेरी के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने हस्ताक्षर किए। इस करार के तहत फिजी के प्रदूषण को दूर करने में टेरी अपना सहयोग देगा।