पंजाब-गोवा व गुजरात की हार भूल केजरीवाल की 'AAP' लड़ेगी हरियाणा विधानसभा चुनाव
आम आदमी पार्टी अक्टूबर 2019 तक होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। एतिहासिक जीत के साथ पिछले तीन साल से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) हरियाणा का रुख करने की तैयारी में है। पार्टी अक्टूबर तक होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
रविवार को वैश्य अग्रवाल समाज द्वारा आयोजित आभार समारोह के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित यह समारोह सुशील गुप्ता व एनडी गुप्ता को राज्यसभा का सदस्य बनने का मौका दिए जाने पर मुख्यमंत्री का स्वागत करने के लिए किया गया था।
इस मौके पर वैश्य अग्रवाल समाज एवं व्यापारी वर्ग द्वारा केजरीवाल का आभार प्रकट किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के अलावा तीनों राज्यसभा सदस्य एनडी गुप्ता, सुशील गुप्ता व संजय सिंह सहित अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष देशबंधू गुप्ता, आइसी बंसल, प्रदीप मित्तल आदि भी मौजूद थे।
डॉ. सुशील गुप्ता और एन डी गुप्ता को राज्यसभा में भेजने पर वैश्य अग्रवाल समाज और व्यापारी वर्ग की तरफ से सीएम अरविंद केजरीवाल का अभिनंदन किया गया। ये समारोह इंदिरा गांधी स्टेडियम में हुआ।
इस मौके पर सुशील गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के व्यापार से भारत सरकार को करोड़ों रुपये का रेवेन्यू मिलता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से दिल्ली के कारोबार को तहस नहस करने की कोशिशें हो रही हैं। कभी सीलिंग, कभी अवैध निर्माण, कभी पर्यावरण को मुद्दा बनाकर व्यापारियों की मुश्किलों को बढ़ाया जा रहा है। सीएम केजरीवाल व्यापारियों को सम्मान दे रहे हैं।
पंजाब-गोवा में बुरी तरह हार चुकी है पार्टी
यह पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी दिल्ली के बाहर किसी राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की बहुमत की सरकार बनाने के अरविंद केजरीवाल के दावे नतीजों के साथ ही धराशायी हो गए थे, जब 100 सीटों का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी 50 से भी कम सीटों पर सिमट गई थी।
गोवा में उम्मीदवारों की जमानत जब्त
वहीं, गोवा में तो पार्टी का खाता भी नहीं खुला और अरविंद केजरीवाल के सारे उम्मीदवारों की जमानत ही जब्त हो गई थी। इतना ही नहीं, वर्ष 2017 में हुए गुजरात विधानसबा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने शिरकत की थी, लेकिन उसे आशातीत सफलता नहीं मिली।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तमाम आशंकाओं को धता बताते हुए AAP ने एतिहासिक जीत दर्ज की है। खुद AAP को भी ये अनुमान नहीं रहा होगा दिल्ली की जनता इस कदर केजरीवाल के झाड़ू को पसंद करेगी और जोरदार मुहर लगाएगी।
केजरीवाल के नेतृत्व में बीजेपी और कांग्रेस दोनों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। आलम यह रहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटें अपनी झोली में ले गई, वहीं लोकसभा चुनाव में सातों सीटें जीतने वाली बीजेपी सिर्फ तीन सीटों पर सिमटकर रह गई। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात तो यह रही कि दिल्ली में 15 साल तक सरकार चलाने वाली कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई।