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मुख्य सचिव हाथापाई मामलाः केजरीवाल सरकार ने तीन साल में एक 'इतिहास' यह भी रच डाला

अधिकारियों के साथ तीखे रिश्ते को लेकर आप की सरकार का इतिहास पुराना है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 22 Feb 2018 08:08 AM (IST)
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मुख्य सचिव हाथापाई मामलाः केजरीवाल सरकार ने तीन साल में एक 'इतिहास' यह भी रच डाला

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली की 70 विधानसभा में से 67 सीटें जीत कर इतिहास रचने वाली आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को IAS अफसर से बदसलूकी कर फिर इतिहास रच दिया है। मंगलवार सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी का आरोप लगा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी (AAP) के 2 विधायकों मुख्य सचिव के साथ बदसुलूकी की और इस बीच किसी ने उन्हें थप्पड़ भी मार दिया।

इस घटना के विरोध में दिल्ली के अफसर हड़ताल पर चले गए हैं। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP के दो विधायकों के खिलाफ केज दर्ज करने की मांग की है। बता दें कि अधिकारियों के साथ तीखे रिश्ते को लेकर आप की सरकार का इतिहास पुराना है। वर्ष 2015 में तत्कालीन एलजी नजीबजंग ने शकुंतला गैमलिन को मुख्य सचिव नियुक्त किया था। गैमलिन की नियुक्ति की आम आमदी पार्टी की सरकार ने भारी विरोध किया था।

वहीं, दिल्ली सरकार के खिलाफ विपक्ष भी हमलावर हो गया है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने इस मामले पर सीधे अरविंद केजरीवाल की आलोचना की है। इस कड़ी में दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने पत्रकार वार्ता आम आदमी पार्टी के कार्यप्रणाली की आलोचना है। अजय माकन माकन ने कहा कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बहुत गंभीर घटना है। उन्होंने कहा कि 3 साल में केजरीवाल सरकार का सबसे नीचा स्तर देखने को मिला है। 

जानें क्या-क्या कहा अजय माकन ने

- मैं केंद्र में भी रहा और दिल्ली सरकार में भी रहा हूं। 3 साल में हालात ये हैं कि दिल्ली के अधिकारी अब दिल्ली से बाहर ट्रांसफर चाहते हैं। वहीं, पहले हर कोई दिल्ली में काम करना चाहता था।

- दिल्ली में सरकार एक तरफ झूठे प्रचार में लगी है तो वहीं, दूसरी तरफ अपनी गलतियों का ठीकरा अधिकारियों पर फोड़ा जाता है। ये सरकार पूरी तरह से फेल हुई है। 

-अपनी गलती का बहाना अधिकारियों पर डालना चाहते हैं।

- दिल्ली में 15 साल कांग्रेस की सरकार रही है। हमने कभी अपनी मर्जी से चीफ सेक्रेटरी नहीं नियुक्त कराया क्योंकि वो हम नहीं करा सकते थे, लेकिन अधिकारियों के साथ कभी इस तरह की दिक्कत नहीं की।

- AAA की सरकार ने साबित किया कि इन्हें शासन चलना नहीं आता है। 

- सीएम केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए और दोषी विधायको को सजा मिलनी चाहिए। 

- आज दिल्ली के सभी अधिकारी एक भय के माहौल में रह रहे हैं ऐसे में केंद्र सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि अधिकारियों का भरोसा बना रहे। 

- एलजी साहब को तुरंत एक मीटिंग सीएम के साथ बुलानी चाहिए और इस पूरे मामले पर एलजी और केंद्र सरकार को भी इसमें पहल करनी चाहिए।

शीला दीक्षित के पुत्र ने बताया गुंडागर्दी

दूसरी ओर इस पूरे मामले में कांग्रेस का कहना है कि सीएम केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए। दिल्ली के पूर्व सांसद और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने कहा कि इससे पता चलता है कि AAP किस तरह भ्रष्टाचार और कदाचार में लिप्त है।

उन्होंने कहा कि अगर कुछ अच्छा हुआ तो वह केजरीवाल और उनके विधायकों की उपलब्धि और गड़बड़ हुई तो सरकार की गड़बड़। इस तरह से हाथापाई करना कोई गुंडागर्दी है क्या?

दिल्ली के अफसरों ने की विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

मुख्य सचिव के साथ बदसलूकी दिल्ली के अफसरों का कहना है कि वो हड़ताल पर नहीं हैं, बल्कि वो दफ्तर जाएंगे, लेकिन काम नहीं करेंगे। अफसरों की मांग है कि जब तक विधायक माफी नहीं मांगते और मुख्य सचिव माफ नहीं कर देते तब तक वे अपना विरोध जारी रखेंगे और अपना काम नहीं करेंगे।

वहीं, डीएन सिंह ने मांग की कि विधायक को बर्खास्त किया जाए। डीएन सिंह ने कहा कि उनके 30 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि मुख्य सचिव के साथ ऐसा सुलूक किया गया हो। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में अंशु प्रकाश को दिल्ली सरकार को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था।

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