जानिए, AAP विधायकों की पिटाई के शिकार दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की यह खूबी
अंशु प्रकाश के कार्यकाल में मानसिक स्वास्थ्य बिल को भी संसद से मंजूरी मिली थी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश का नाम नौकरशाही में महत्वपूर्ण फैसलों के लिए जाना जाता है। वह अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। अरुणाचल-गोवा-मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश कैडर के 1986 के आइएएस अधिकारी अंशु प्रकाश दिल्ली की केजरीवाल सरकार आने के बाद चौथे मुख्य सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इससे पहले वह केंद्र सरकार के अधीन ग्रामीण विकास विभाग में अतिरिक्त सचिव के तौर पर कार्य कर रहे थे।
बता दें कि वह दिल्ली के एकीकृत निगम में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। दिल्ली की पूर्ववर्ती सरकार शीला दीक्षित के समय में वह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव भी रहे हैं। वह अंडमान निकोबार में भी स्वास्थ्य सचिव थे।
अंशु प्रकाश के साथ कार्य करने वाले अधिकारी बताते हैं कि वह बहुत ही त्वरित परिणाम देने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रलय में सह सचिव रहते हुए मानसिक स्वास्थ्य समेत कैंसर, मधुमेह, आपातकालीन स्वास्थ्य लाभ और आपदा प्रबंधन समेत जन स्वास्थ्य को लेकर कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम किया है। इन्हीं के कार्यकाल में मानसिक स्वास्थ्य बिल को भी संसद से मंजूरी मिली थी।
सहयोगियों का रखते हैं ख्याल
अंशु प्रकाश के साथ नगर निगम में काम कर चुके अतिरिक्त आयुक्त (सेवानिवृत्त) दीपक हस्तीर बताते हैं कि अंशु प्रकाश को अपने सहयोगियों से कार्य लेना आता है। बात उन दिनों की है जब मैं जोन उपायुक्त था तो उस समय अंशु प्रकाश मेरे वरिष्ठ अधिकारी थे। वह न केवल अधिकारियों की परेशानी समझते थे, बल्कि किसी काम को कैसे किया जा सकता है उसके उपाय भी बताते थे। अगर देर शाम की बैठक में कोई महिला अधिकारी हिस्सा लेती थीं तो सुनिश्चित करते थे कि कोई निगम के कर्मचारी उन्हें घर तक सुरक्षित छोड़कर आएं।
यह है पूरा बवाल
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की पुलिस में दी गई लिखित शिकायत के अनुसार उन पर रात 12 बजे मीटिंग में आने के लिए दबाव डाला गया था। हालांकि, मैं गया, लेकिन वहां मुझे अपशब्द बोले गए और मारपीट भी की गई। अंशु का कहना है कि एक विधायक ने उनको अपशब्द कहे और कहा कि वह उनको कमरे से बाहर निकलने नहीं देगा और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगा देगा। अंशु ने आप विधायक अमानतुल्ला खान पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाते हुए लिखा कि कमरे में मौजूद किसी भी शख्स ने उनको बचाने की कोशिश नहीं की।
हालांकि, अंशु प्रकाश के आरोपों पर दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की ओर से कहा गया कि प्रकाश को राशन पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया था। पार्टी ने एक बयान में दावा किया है कि मुख्यमंत्री आवास पर विधायकों की एक बैठक थी। मुख्य सचिव ने सवालों के उत्तर देने से इनकार कर दिया और कहा कि वह विधायकों और मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, वह केवल उपराज्यपाल के प्रति जवाबदेह हैं। उन्होंने कुछ विधायकों के प्रति खराब भाषा का इस्तेमाल किया और सवालों का उत्तर दिये बिना वहां से चले गए।