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विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा यूपी में, भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता चीन

दिल्ली-NCR में बनने जा रहे इस एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है।

By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 08 Mar 2018 07:49 PM (IST)
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विश्व का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनेगा यूपी में, भारत के सामने कहीं नहीं ठहरता चीन

नोएडा (जेएनएन)। जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट विश्व में चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इस लिहाज से देश में यह सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। दिल्ली एयरपोर्ट का एरिया इससे लगभग आधा है। आधुनिक सुविधाओं से लैस होने के साथ एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की पार्किंग के लिए भी काफी जगह होगी।

अमेरिका-सऊदी अरब में ही इससे बड़े एयरपोर्ट

इस मामले में पड़ोसी देश चीन कहीं नहीं ठहरता है, जबकि सऊदी अरब और अमेरिका के दो एयरपोर्ट के बाद इसका नंबर होगा। अब तक बेहतरीन और बड़े एयर पोर्ट में इन्हीं दोनों देशों के एयर पोर्ट को शुमार किया जाता था। 

आजीआइ एयरपोर्ट से दोगुना होगा जेवर एयरपोर्ट 

आइजीआइ के बाद दिल्ली-एनसीआर के जेवर इलाके में दूसरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है। संचालन शुरू होने के साथ जेवर एयरपोर्ट के नाम देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो जाएगा।

इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (आइजीआइ) क्षेत्रफल के लिहाज से जेवर से काफी पीछे रह जाएगा। आइजीआइ का क्षेत्रफल 2066 हेक्टेयर है। नवी मुंबई में बनने जा रहे एयरपोर्ट का क्षेत्रफल भी 2320 हेक्टेयर है, जबकि जेवर एयरपोर्ट पांच हजार हेक्टेयर में बनेगा।

बीस करोड़ यात्री होंगे 2050 तक

जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से 2050 तक सालाना बीस करोड़ यात्री हवाई सफर करेंगे। इस मामले में भी जेवर एयरपोर्ट आइजीआइ को पीछे छोड़ देगा। आइजीआइ से वर्तमान में छह करोड़ यात्री सालाना हवाई सफर करते हैं। 2022-23 तक यात्री संख्या बढ़कर दस करोड़ सालाना अधिकतम होने का अनुमान है। इसके बाद यहां यात्री संख्या बढ़ाने की गुंजाइश समाप्त हो जाएगी।

पांच साल बाद शुरू हो जाएंगे उड़ानें

जेवर एयरपोर्ट से विमान सेवाओं का संचालन भी 2023-24 में शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर से आठ करोड़ सालाना यात्रियों के हवाई यात्रा करने का अनुमान है। साल दर साल यात्री संख्या में इजाफा होगा। आइजीआइ की क्षमता पूरी होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाओं के बढ़ने के साथ यात्री संख्या भी बढ़ेगी।

पहले चरण में तीन हजार हेक्टेयर में होगा

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण तीन हजार हेक्टेयर का होगा। इसमें दो रनवे तैयार किए जाएंगे। एक रन वे जहाजों के उड़ान भरने व दूसरा उतरने के लिए होगा। यात्रियों का दबाव बढ़ने एवं उड़ान संख्या बढ़ने पर विस्तार का दूसरा चरण होगा। हालांकि आइजीआइ पर तीन रनवे से जहाज उड़ान भरते व उतरते हैं।

कनेक्टिविटी के मामले में भी होगा बेजोड़

जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी भी बेजोड़ होगी। ग्रेटर नोएडा से जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को मेट्रो और पॉड से जोड़ने की भी योजना है। दो ओर से यमुना एक्सप्रेस वे और पलवल खुर्जा एक्सप्रेस वे से जुड़ा होगा। अन्य दो साइट में 130 मीटर सड़क व सौ मीटर चौड़ी सड़क से कनेक्टिविटी दी जाएगी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट पहुंचने किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।

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