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दिल्ली में जारी प्रशासनिक संकट के बीच सरकार ने कसी कमर, मार्च में पेश होगा बजट

सरकार तनातनी के बीच भी नए वित्त वर्ष का बजट लाने की तैयारी कर रही है। इस बाबत काम पहले से ही चल रहा था और करीब-करीब पूरा भी हो चुका है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 23 Feb 2018 08:52 PM (IST)
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दिल्ली में जारी प्रशासनिक संकट के बीच सरकार ने कसी कमर, मार्च में पेश होगा बजट

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रशासनिक संकट के दौर से गुजर रही दिल्ली में सरकार और अधिकारियों का विवाद लंबा चल सकता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार तनातनी के बीच भी नए वित्त वर्ष का बजट लाने की तैयारी कर रही है। 

झुकने के मूड में नहीं है सरकार

जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन के नए बयान, गिरफ्तार विधायकों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज देने एवं उपमुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों से सप्ताह भर की रिपोर्ट मांगने के बाद यह तय हो गया है कि विवाद अब लंबा ही चलेगा। झुकने के मूड में न सरकार है और न ही अधिकारी।

काम हो चुका है पूरा 

सूत्रों की मानें तो सरकार इस तनातनी के बीच भी जल्द ही बजट लाने की तैयारी कर रही है। बताया जाता है कि इस बाबत काम पहले से ही चल रहा था और करीब करीब पूरा भी हो चुका था, इसलिए सरकार ज्यादा तनाव नहीं ले रही है। माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार चालू वित्त वर्ष 2017-18 के बजट की योजना मद के 50 प्रतिशत हिस्से को विकास कार्यों पर खर्च करेगी।

शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने पर जोर 

बिजली व पानी के बिल पर जारी सब्सिडी के साथ-साथ नई बसों की खरीद, नए बीआरटी कॉरिडोर सहित अन्य परियोजनाओं के लिए आगामी बजट में पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया जाएगा। शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर जो उपाय हो सकते हैं उसके लिए भी बजट में पर्याप्त प्रावधान करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।

टैक्स लगाए जाने की संभावना नहीं

सूत्रों की मानें तो इस बार भी जनता पर किसी प्रकार का टैक्स लगाए जाने की संभावना नहीं है। बिजली पानी पर सब्सिडी जारी रहेगी। जनता को लुभाने के लिए कुछ अन्य घोषणाएं होने की संभावना है। सरकार का मुख्य फोकस इस बार भी शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन के साथ साथ अनधिकृत कॉलोनियों के विकास पर रहने की संभावना है।

केंद्र से लेनी होती है स्वीकृति

दिल्ली संघ शासित प्रदेश है इस लिहाज से दिल्ली का अपना कोई पब्लिक एकाउंट नहीं है। सरकार जो भी खर्च करना चाहती है उसके बारे में पहले उपराज्यपाल और केंद्र सरकार से इजाजत लेनी होती है। इसलिए परंपरा रही है कि बजट प्रस्तुत करने से पहले दिल्ली सरकार बजट का प्रारूप केंद्र सरकार को भेजती है। जहां तक दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र की तारीखों का सवाल है तो सूत्रों के मुताबिक पहले यह 5 मार्च से 11-12 मार्च तक बुलाए जाने की चर्चा चल रही थी, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए तारीख आगे बढ़ सकती है। 

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