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सीलिंग से मिलेगी दिल्लीवासियों को राहत, मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए होगी बैठक

डीडीए अधिकारियों का कहना है कि मास्टर प्लान में संशोधन के लिए लोगों की आपत्ति व सुझाव लिए गए थे। उन सुझावों को संग्रहित कर लिया गया है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 24 Feb 2018 06:26 PM (IST)
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सीलिंग से मिलेगी दिल्लीवासियों को राहत, मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए होगी बैठक

नई दिल्ली [जेएनएन]। सीलिंग से परेशान दिल्लीवासियों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के अंतिम प्रस्ताव पर मुहर लगाने के लिए 27 फरवरी को बोर्ड बैठक करने जा रही है। बैठक में रखे जाने वाले प्रस्ताव में अधिकांश उन्हीं बिंदुओं को शामिल किया गया है जिन पर पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। लोगों से मिले सुझावों के आधार पर कुछ नए मुद्दे भी शामिल किए गए हैं। प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद डीडीए अथवा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर किया जाएगा जिससे कि सीलिंग से परेशान लोगों को राहत मिल सके।

अब तक लोगों को राहत नहीं मिल सकी है

पिछले लगभग दो महीने से दिल्ली में सीलिंग चल रही है। मॉनिटरिंग कमेटी ने बाजारों के बाद अब रिहायशी इलाकों में भी सीलिंग शुरू कर दी है। ऐसे में सीलिंग से राहत दिलाने के लिए डीडीए बोर्ड बैठक में मास्टर प्लान में बदलाव करने का फैसला किया गया था, लेकिन अब तक लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी को इस संबंध में सिविक एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वह दो सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट पेश करें कि आखिर दिल्ली को किस तरह से बेहतर बनाए रख सकते हैं।

डीडीए बोर्ड ने मास्टर प्लान में संशोधन के लिए दी सिफारिश

डीडीए अधिकारियों का कहना है कि मास्टर प्लान में संशोधन के लिए लोगों की आपत्ति व सुझाव लिए गए थे। उन सुझावों को संग्रहित कर लिया गया है। डीडीए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी के सदस्य एवं नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता के मुताबिक डीडीए बोर्ड ने मास्टर प्लान में संशोधन के लिए अपनी सिफारिश दे दी हैं। उपराज्यपाल कार्यालय में 27 को डीडीए बोर्ड की होने वाली बैठक में इन सिफारिशों पर मुहर लगने की पूरी संभावना है।

सीलिंग से राहत के लिए मास्टर प्लान में संभावित बदलाव

-रिहायशी व व्यवसायिक क्षेत्र में लोगों को एक समान एफएआर दिया जा सकता है।

-एफएआर को बढ़ाकर 350 किया जा सकता है।

-कंवर्जन चार्ज को इलाकावार तय किया जा सकता है।

-कृषि भूमि पर बने गोदामों तक पहुंचने वाली सड़कों की चौड़ाई की बाध्यता समाप्त हो सकती है।

-यदि पुराने बाजारों में दुकानों के पास पार्किंग के लिए जगह उपलब्ध नहीं होगी तो सिविक एजेंसियां सामुदायिक पार्किंग की व्यवस्था करेगी। 

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