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'थप्पड़कांड' का पूरा सच, मुख्य सचिव के साथ सीएम हाउस में हुआ था ये बर्ताव

दोनों विधायकों ने हाथापाई शुरू कर दी थप्पड़ और मुक्के जड़ना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, लेकिन बचाने के लिए कोई सामने नहीं आया।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 25 Feb 2018 12:56 PM (IST)
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'थप्पड़कांड' का पूरा सच, मुख्य सचिव के साथ सीएम हाउस में हुआ था ये बर्ताव

नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। मुख्यमंत्री आवास में गत सोमवार की आधी रात हुई बैठक में विधायकों द्वारा मारपीट के दौरान मुख्य सचिव अंशु प्रकाश वहां से जान बचाकर बाहर भागे थे। दरअसल वो इस बैठक में जाने से शुरू से ही कतरा रहे थे। अंशु प्रकाश आशंकित तो थे, लेकिन उन्हें इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि 'आप' विधायक उनपर हमला कर देंगे।

बाहर भागे मुख्य सचिव 

यही नहीं जिस तरह से बैठक के दौरान उनके दोनों ओर सोफे पर बैठे विधायकों ने उनके साथ मारपीट की इससे वह सन्न रह गए। कमरे का माहौल खराब होता देख सदमे में आए मुख्य सचिव यह कहते हुए बाहर भागे कि उनका दम घुट रहा है, तड़प रहे हैं, उन्हें ताजी हवा चाहिए। कमरे से बाहर निकलते ही उन्होंने पार्किग में खड़ी अपनी सरकारी कार के आने का भी इंतजार करना मुनासिब नहीं समझा। मारपीट से बदहवास अंशु सीधे मुख्य गेट की तरफ भागे और बाहर निकल गए। बाद में पीछे से आई अपनी कार में बैठकर घर को रवाना हुए।

उपराज्यपाल कार्यालय में की शिकायत 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक रास्ते में उन्होंने विधायकों द्वारा मारपीट किए जाने की घटना की शिकायत उपराज्यपाल कार्यालय में की थी। उपराज्यपाल कार्यालय ने तुरंत पुलिस आयुक्त को अवगत कराया। वहीं, इसकी सूचना के बाद स्थानीय पुलिस अधिकारी आधी रात मुख्य सचिव के सत्य मार्ग स्थित आवास पर उनका बयान दर्ज करने गए थे, लेकिन सदमे के कारण उन्होंने कोई बयान देने से मना कर दिया। अगले दिन उन्होंने घटना की लिखित शिकायत सिविल लाइन थाने में दी।

इस मुद्दे पर शुरू हुई बहस 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंशु प्रकाश घटना वाली रात 12 बजे के बाद बैठक में पहुंचे थे। उनके वहां पहुंचने के पांच मिनट बाद ही सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जारी किए जाने वाले टीवी विज्ञापन के मुद्दे पर बहस शुरू हो गई थी। वे तीन सीट वाले सोफे के बीच में बैठे थे। उनके दोनों ओर विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जारवाल बैठे थे।

थप्पड़ और मुक्के मारे 

बातचीत के दौरान ही दोनों विधायकों ने उनसे हाथापाई शुरू कर दी और थप्पड़ और मुक्के जड़ना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, लेकिन उनको बचाने के लिए कोई सामने नहीं आया। वह जान बचाने के इरादे से..मुझे खुली हवा चाहिए कह कर बाहर की ओर भागे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव मुश्किल से बैठक के दौरान 10-12 मिनट मुख्यमंत्री आवास में रुके थे।

खुली 'आप' के दावे की पोल

ज्ञात हो कि इस वारदात के बाद आम आदमी पार्टी ने मुख्य सचिव के मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलने वाले वायरल हुए वीडियो के समय को आधार बनाकर कहा था कि उनका आरोप बेबुनियाद है। यदि मुख्यमंत्री आवास में उनके साथ मारपीट हुई थी तो इसकी शिकायत पुलिस में दूसरे दिन क्यों की गई। इसके पीछे 'आप' नेताओं ने इसे विरोधियों का चाल बताया था, लेकिन पुलिस जांच में अब यह सामने आ चुका है कि जिस सीसीटीवी कैमरे का वीडियो वायरल हुआ था वह समय से 42 मिनट 43 सेकेंड पीछे चल रहा था। यही नहीं मारपीट की सूचना उन्होंने मुख्यमंत्री आवास से निकलते ही उपराज्यपाल कार्यालय को दे दी थी। यह दोनों घटनाएं 'आप' के दावों की पोल खोल रही हैं। 

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